Move to Jagran APP

असत्य पर सत्य के विजय का प्रतीक है विजयादशमी

सुपौल। चैती नवरात्र यानि दशहरा पर्व को मां भगवती के विजया स्वरूप के कारण विजयादशमी भी कहा

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 06:43 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 06:43 PM (IST)
असत्य पर सत्य के विजय का प्रतीक है विजयादशमी

सुपौल। चैती नवरात्र यानि दशहरा पर्व को मां भगवती के विजया स्वरूप के कारण विजयादशमी भी कहा जाता है। चैती नवरात्र के मौके पर विजयादशमी का महात्म्य बताते हुए आचार्य पंडित धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने कहा कि मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त किया था इसलिए भी इस पर्व को विजयादशमी कहा जाता है। हिदू धर्मालंबियों का यह प्रमुख त्योहार असत्य पर सत्य की जीत तथा बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन ग्रह-नक्षत्रों के संयोग ऐसे होते हैं जिससे किये जाने वाले काम में विजय निश्चित होती है। आचार्य धर्मेंद्रनाथ ने धर्मशास्त्र में वर्णित कथा का उल्लेख करते हुए कहा कि एक बार माता पार्वतीजी ने भगवान शिवजी से दशहरे के त्योहार के बारे में बड़ी उत्सुकता से प्रश्न किया। इसका भगवान शिव ने उत्तर देते हुए कहा कि इस दिन भगवान श्रीराम ने इसी विजय काल में लंका पर चढ़ाई करके रावण को परास्त किया था। इसी काल में शमी वृक्ष ने अर्जुन का गांडीव नामक धनुष धारण किया था।

loksabha election banner

---------------------------------------------- शुभ मुहुर्त के अनुसार करें जयंती छेदन

आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने बताया कि शास्त्रानुसार प्रात:काल में देवी का आह्वान एवं प्रात:काल में ही देवी का विसर्जन अति शुभदायी होता है। विजयादशमी यानि गुरुवार को सूर्योदय से लेकर पूर्वाह्न के 10 बजे तक जंयती छेदन अर्थात जयंती काटने का शुभ मुहूर्त है। इसलिए शुभ मुहूर्त में ही जयंती छेदन एवं विसर्जन आदि कार्य सम्पन्न करना फलदायी होगा। साथ ही इस दिन नीलकंठ दर्शन भी शुभ माना जाता है। साथ ही आचार्य ने कहा कि रामनवमी व्रत एवं नवरात्र व्रत का पारण भी विसर्जन उपरांत करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.