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92 शिक्षकों का रोका गया वेतन, पूछा स्पष्टीकरण

मैट्रिक परीक्षा में वीक्षण कार्य में योगदान नहीं देना या फिर योगदान देकर कार्य नहीं करना 92 शिक्षकों को महंगा पड़ गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 06:06 PM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 11:21 PM (IST)
92 शिक्षकों का रोका गया वेतन, पूछा स्पष्टीकरण

सुपौल। मैट्रिक परीक्षा में वीक्षण कार्य में योगदान नहीं देना या फिर योगदान देकर कार्य नहीं करना 92 शिक्षकों को महंगा पड़ गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने ऐसे शिक्षकों का वेतन रोकते स्पष्टीकरण मांगा है।

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परीक्षा केंद्रों पर प्रतिनियुक्त किए गए वीक्षकों द्वारा समय से योगदान नहीं लेने या फिर योगदान लेकर कार्य नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए डीईओ सुरेंद्र कुमार ने ऐसे 92 शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की है। योगदान तिथि से 24 फरवरी तक के वेतन पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण की मांग की है। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जिले के 25 केंद्रों पर 17 से 24 फरवरी तक मैट्रिक की परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा के सफल संचालन को लेकर इन सभी केंद्रों पर वीक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। इधर केंद्राधीक्षकों द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के आलोक में पाया गया कि जिले के 92 ऐसे शिक्षक हैं जो समय से परीक्षा केंद्र पर योगदान नहीं किए, अथवा योगदान कर वीक्षण कार्य से अनुपस्थित हो गए। ऐसे में परीक्षा जैसे संवेदनशील कर्तव्य के प्रति इस प्रकार की लापरवाही एवं अनुशासनहीनता वांछित नहीं है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने ऐसे अनुपस्थित शिक्षकों के योगदान की तिथि से लेकर 24 फरवरी तक के वेतन स्थगित करते हुए तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने कहा है। कहा है कि क्यों नहीं इस कृत्य के लिए उनके विरुद्ध बिहार विद्यालय परीक्षा संचालन अधिनियम के प्रावधानों की कार्रवाई की जाए। ससमय स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देते हैं तो यह समझा जाएगा कि उन्हें इस विषय में कुछ नहीं कहना है। तत्पश्चात उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।


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