सरकारी समर्थन मूल्य पर नहीं बिक रहा मक्का, किसान हताश
सुपौल। कोशी क्षेत्र के किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। कभी आंधी-बारिश
सुपौल। कोशी क्षेत्र के किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। कभी आंधी-बारिश एवं मूसलाधार बारिश फसलों को बर्बाद कर देती है तो कभी सुखाड़ फसलों को सूखा देती है। हर परिस्थिति में किसानों को ही नुकसान झेलना पड़ता है। वर्तमान समय में मक्का की खेती किसानों को रुला रही है। किसानों के द्वारा उत्पादित फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान हताश हैं। स्थिति ऐसी है कि किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। यहां के किसान कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ की समस्याओं से त्रस्त रहते हैं। कभी बाढ़ का पानी फसलों को बर्बाद कर देता है तो कभी तेज हवा फसल को जमीन में सुला देती है। हर परिस्थिति में किसानों को ही नुकसान झेलना पड़ता है। वर्तमान समय में मक्का फसल किसानों को रुला रही है। किसानों के द्वारा उत्पादित फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान हताश हैं। स्थिति ऐसी है कि औने-पौने दामों पर किसान अपनी फसल को बेच दिए हैं। वहीं अच्छे दाम के आस में जो किसान मक्का को खेत एवं खलिहान में रखे हैं उनकी फसल या तो घर में सड़ रही है या फिर खलिहान में पड़ा हुआ है। किसान कल्याण समिति राघोपुर के अध्यक्ष सत्यनारायण सहनोगिया का कहना है कि सरकार द्वारा एक जुलाई से मक्का का समर्थन मूल्य 1850 रूपये किवंतल की घोषणा की गई है। लेकिन घोषणा के बाद किसानों का मक्का अभी 900-950 रूपये में बिक रहा है। उसमें भी व्यापारी नगद में मक्का खरीदने को तैयार नहीं हैं। आखिर सरकार बताए कि समर्थन मूल्य पर किसान कहां अपनी मक्का की फसल बेचें या सरकारी घोषणा सिर्फ घोषणा ही बनकर रह जाएगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण किसानों का हाल पहले से ही खस्ता है। आगामी फसल लगाने को ले किसान पाई-पाई को मोहताज हैं। किसानों की हालत देख उन्हें कोई कर्ज देने को भी तैयार नहीं है। सरकार मक्का का समर्थन मूल्य तो घोषित कर दिया है। लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीदार नहीं मिल रहा है। ताकि उन्हें उनके उत्पादन का सही मूल्य मिल सके। सहनोगिया ने कहा कि मक्का के मूल्य बढ़ोतरी को लेकर उन्होंने केंद्रीय किसान कृषि कल्याण मंत्री को पत्र भी लिखा था, लेकिन फिर भी फिलहाल प्रखंड के किसान फसल बेचने को लेकर परेशान दिख रहे हैं। उन्होंने सरकार से अविलंब समर्थन मूल्य पर मक्का बेचने की व्यवस्था करवाने की मांग की है।