सामाजिक कुप्रथा बता युवाओं ने मृत्यु भोज का किया बहिष्कार
सुपौल। यूं तो हमेशा से सामाजिक कुरीतियों का बहिष्कार होता आ रहा है। लेकिन मृत्युभोज के
सुपौल। यूं तो हमेशा से सामाजिक कुरीतियों का बहिष्कार होता आ रहा है। लेकिन मृत्युभोज के बहिष्कार को लेकर प्रखंड क्षेत्र के युवा बढ़-चढ़ कर आगे आ रहे हैं। जानकारी अनुसार प्रखंड के देवीपुर पंचायत के वार्ड नंबर 13 चिकनापट्टी गांव निवासी झरिलाल यादव के पिता कुसुमलाल यादव का निधन रविवार को हो गया। संस्कार के तीसरे दिन मंगलवार को सामाजिक परंपरा अनुसार पितृ भोज के लिए समाज के बुजुर्ग लोगों की बैठक बुलाई गई। जहां युवा वर्ग ने मृत्यु भोज को सामाजिक कुप्रथा बताकर भोज का बहिष्कार किया। वहीं बुजुर्गो ने भोज को परंपरा एवं मृतक आत्मा के लिये शांति कर्म बताया। युवाओं ने अपना तर्क देकर न केवल मृत्यु भोज का बहिष्कार किया, बल्कि बुजुर्गो को भी इसे कुप्रथा मानने के लिये विवश कर दिया। नवयुवकों ने कहा कि ऐसे मौके पर जरूरतमंदों के बीच कंबल, सामूहिक शौचालय मृत्युभोज पर खर्च की जानेवाली राशि से मृतक के नाम से समाज में किसी धरोहर के निर्माण का फैसला लिया जाना उचित साबित होगा। ताकि आने वाले वक्त में भी समाज के बीच यही उदाहरण पेश कर मृत्युभोज को रोकने का प्रयास होगा। स्थानीय युवा के ऐसे कदम समाज के लोगों के लिए सराहनीय साबित हो रहा है। बैठक में स्थानीय सीकेन्द्र प्रसाद यादव, धीरेंद्र यादव, गंगा यादव, सत्यनारायण यादव, बलदेव यादव, महेश यादव, बच्चा यादव, बैद्यनाथ साह, सोतीलाल यादव, वासुदेव यादव सहित ग्रामीण एवं युवा मौजूद थे।