घोषणा तक ही सिमट कर रह गई नगर पंचायत
संवाद सूत्र पिपरा (सुपौल) पिपरा नगर पंचायत का गठन होने के बाद स्थानीय लोगों को विकास की उ
संवाद सूत्र, पिपरा (सुपौल): पिपरा नगर पंचायत का गठन होने के बाद स्थानीय लोगों को विकास की उम्मीद जगी थी, लेकिन पुरानी व्यवस्था के समकक्ष भी सफाई नहीं हो पा रही है। सा़फ-सफाई के नाम पर केवल कोरम पूरा किया जा रहा है।
बता दें कि पिपरा नगर पंचायत में पिपरा, आनंदीपट्टी, कमलपुर, मकरे, हरिहरपट्टी, बेलही व नयानगर गांव जुड़े हुए हैं। इसी के तहत पिपरा में प्रखंड मुख्यालय, अंचल कार्यालय, थाना, चकबंदी कार्यालय सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल है। नगर पंचायत का हर वार्ड नाली, जलनिकासी व शुद्ध पेयजल आदि बुनियादी समस्याओं से ग्रस्त है। जल निकासी की समस्या विकट रूप धारण कर चुकी है। गली-मोहल्ले में कूड़ा-कचरा का ढेर लगा हुआ है, जिससे बीमारी फैलने का डर बना रहता है। वार्ड नंबर 10 एवं 13 में दो दर्जन से अधिक घरों में पानी प्रवेश कर गया है जहां निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। जलजमाव होने से मच्छरों पनप रहे हैं। नगर पंचायत की दुर्दशा यह है प्रखंड मुख्यालय का मुख्य मार्ग जहां से त्रिवेणीगंज, सिहेंश्वर, वीरपुर तक वाहनों का परिचालन होता है वहां गड्ढ़े ही गड्ढे नजर आते हैं। यहां अतिक्रमण भी मुख्य समस्या है। खासकर महात्मा गांधी चौक जहां से चंपानगर की तरफ सड़क निकली है वहां सुबह से रात तक ठेलेवालों का बाजार सजा रहता है। यहां अतिक्रमण के कारण राहगीर व वाहनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगर पंचायत के अंतर्गत पिपरा बाजार में एक विनोवा मैदान है जहां राष्ट्रीय स्तर के नेता व फिल्म स्टार चुनावी सभा को संबोधित करते थे तथा अंतरराजीय खेल कूद प्रतियोगिता होती थी वह मैदान अब कचरा डंप करने का स्थान बन गया है तथा स्थानीय लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है। बाजार के मुख्य चौराहे पर लगी हाई मास्ट लाइट शोभा की वस्तु बनी हुई है। स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगी है। लोगों को शुद्ध पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। नगर पंचायत की घोषणा के साथ ही नगरवासियों ने इस खुशी को त्योहार की तरह मनाया लेकिन महीनों गुजरने के बाद भी नगर पंचायत की सुविधा नहीं मिल रही है।