भगैत महासम्मेलन की तैयारी को लेकर हुआ ध्वजारोहण
ललितग्राम ओपी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम डोड़रा स्थित उमाकांत संस्कृत विद्यालय के परिसर में सरस्वती पूजा के अवसर पर क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम से पूर्व स्थानीय समाजसेवी सुमित मिश्रा शिक्षक रमेश प्रसाद सिंह शिक्षक नवकांत झा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उसके बाद कक्षा
सुपौल। प्रखंड अंतर्गत परियाही गांव में बसंत पंचमी के अवसर पर अखिल भारतीय भ्रमणशील धर्मज्ञ भगैत महासभा के तत्वावधान में 57वां वार्षिक महाधिवेशन सह जिला स्तरीय लोकगाथा भगैत सम्मेलन का महाध्वजारोहण विधि-विधानपूर्वक किया गया। तत्पश्चात महंत योगेश्वर यादव की अध्यक्षता एवं उपमहंत सिकेन्द्र यादव के संचालन में धर्मसभा आयोजन की गई। आयोजित सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय लोकगाथा भगैत महासभा के प्रवक्ता डॉ. अमन कुमार ने कहा कि संस्कृति ही किसी समाज और देश का प्राण है। भारतीय संस्कृति कर्मप्रधान संस्कृति है। भगैत भारतीय संस्कृति व सभ्यता का सबसे बड़ा दर्शन और सर्वोत्तम प्रहरी है। भारतीय सभ्यता संस्कृति में भगैत कण-कण में समाहित है। लोकगाथा भगैत समाज की किसी वर्ग, धर्म, जाति या व्यक्ति विशेष से संबंधित नहीं है बल्कि सम्पूर्ण समाज की धरोहर है। भगैत जन-जन की मूलभूत पूंजी है। जिसके आधार पर साहित्य, संस्कृति व महापुरुषों के इतिहास एवं विचारों की जानकारी मिलती है। भगैत सांप्रदायिक सौहार्द का सबसे बड़ा उदाहरण है। भगैत कोशी और मिथिलांचल के जन-जन में समाया हुआ है। समाज में जन-चेतना के ²ष्टिकोण से भगैत सबसे बड़ा सामाजिक व धार्मिक आन्दोलन है। भगैत सामाजिक शुद्धता एवं धर्मनिरपेक्षता के लिए वरदान साबित हुई है। कहा कि लोकगाथा भगैत व धर्म के सबसे बड़े महानायक बाबा धर्मराज हैं। भगैत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले को भी बिहार गौरव सम्मान, भारत रत्न और अन्य सम्मान मिलना चाहिए। अखिल भारतीय भ्रमणशील धर्म यज्ञ भगैत महासभा के महंथ यागेश्वर यादव ने कहा कि बाबा धर्मराज कई नामों से जाने जाते हैं। यमलोक के मालिक होने के नाते इसे यमराज भी कहते हैं। यमराज दक्षिण दिशा के दिकपाल और मृत्यु के देवता भी कहे जाते हैं। जिसकी कथा सुनने मात्र से प्राणी सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं। धर्मराज की कथा सुनने,-सुनाने और अमल करने के बाद इंसान सीधे स्वर्ग जाते हैं। जीवधारी के बीच पूजनीय हो जाते हैं। महासभा के उपमहंथ सिकेन्द्र यादव ने कहा कि बाबा बेनी पनियार के स्मरण मात्र से माल-मवेशी के संकट दूर हो जाते हैं। वहीं अन्दु पनियार के स्मरण मात्र से कुल खानदान सदैव हरा-भरा रहता है। वार्षिक सभापति ब्रह्मदेव यादव ने कहा कि उदय साह पनियार के स्मरण करने से शरीर ऊर्जान्वित और प्रकाशमान बना रहता है। खेदन महाराज का स्मरण करने से संकट की घड़ी में तत्क्षण संकट दूर हो जाती है। यज्ञाचार्य रामजी दास ने कहा कि संत कारू खिरहरी की पूजा अर्चना करने से माल मवेशी निरोग और मानव का कल्याण होता है। भगैत गांव-घर की बोलचाल की भाषा में धर्म और न्याय प्रचार का बेहतर माध्यम है। इसपर अमल कर साधारण से साधारण मनुष्य भी बेहतर और खुशहाल जीवन जी सकता है। मौके पर मालाधारी विष्णुदेव मंडल, मुखिया पार्वती देवी, महामंत्री कुशुमलाल यादव, सचिव सत्यनारायण यादव, कोषाध्यक्ष धनिकलाल यादव, मंत्री देव नारायण यादव, उपमहामंत्री शत्रुघन यादव मासिक सभापति डोमी यादव, उमेश यादव, डोमी यादव, अनंत यादव, कर्पूरी यादव, देव नारायण यादव, परमानंद कुमार पप्पू. गजेन्द्र यादव, परमानन्द कुमार पप्पू, राजू कुमार, केशव कुमार, समिति गौरी देवी, लक्ष्मी प्रसाद मंडल, सदानन्द मंडल सहित दर्जनों धर्मराज भक्त उपस्थित थे।