अपने जुनून की बदौलत रामानंद सिंह ने छोड़ी अमिट छाप
शांति व्यवस्था को भंग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि पूजा कमेटी अपने 10 स्वयंसेवक की सूची के साथ थाना आएंगे। डीजे संचालक के साथ भी बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। समिति सदस्यों ने प्रशासन को अपने स्तर से सहयोग करने का भरोसा दिलाया। साथ ही शांतिपूर्ण ढंग से पूजा करने व प्रतिमा विसर्जन करने का भरोसा दिया।
सुपौल। प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत सुखानगर गांव निवासी वरिष्ठ पत्रकार रामानंद सिंह के असामयिक निधन पर एक शोक सभा का आयोजन किया गया। प्रखंड मुख्यालय बाजार स्थित पारख जैन धर्मशाला में मंगलवार को स्थानीय पत्रकार, स्थानीय पदाधिकारी, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता व प्रबुद्धजनों ने उनके निधन पर एक शोक सभा आयोजित की। इसकी अध्यक्षता पत्रकार विजय राज छाजेड़ ने की। इस अवसर पर शिरकत करने पहुंचे लोगों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए पूर्व विधायक लखन ठाकुर ने कहा कि पत्रकारिता जगत में प्रतापगंज जैसे छोटी जगह से अपने जुनून की बदौलत अपनी पहचान बनाई। उनका जुनून वर्ष 1980 के दशक में तब काफी सुर्खियों में था जब उन्होंने अपने साप्ताहिक पत्रिका कोसी आंचल का विमोचन तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. चन्द्रशेखर सिंह के हाथों सहरसा की धरती पर करवाने में सफल हुए थे। उस वक्त सुपौल जिला भी सहरसा का हिस्सा था। वहीं इस मौके पर प्रखंड प्रमुख भूप नारायण यादव, ई. मोतीलाल, किशन मंडल, विजेन्द्र लाल दास, मृत्युंजय ठाकुर ने भी अपने-अपने शब्दों से उनके व्यक्तित्व व कृतित्व की चर्चा की। शोक सभा में प्रभारी बीडीओ राजाराम पासवान, थानाध्यक्ष रजनीश कुमार केशरी, अनि. आरसी सिंह, मनोज सिन्हा, डॉ. कमल यादव, पंसस मोहन कामैत, उमेश गांधी, ललन पासवान आदि दर्जनों लोगों ने हिस्सा लिया। आयोजित सभा के अंत में दो मिनट का मौन रख कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।