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परसरमा में नौ दिवसीय महाविष्णु यज्ञ का आयोजन

प्रखंड क्षेत्र के परसरमा गांव के वार्ड नंबर 06 में चल रहे 9 दिवसीय महाविष्णु यज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार को अयोध्या से आए कथावाचक भगवान शरण जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि श्रीराम चरितमानस में भगवान श्रीराम और रावण के संघर्ष की गाथा ही नहीं भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म के सर्वांगीण विकास का एक विशाल विश्व कोष है। इसमें उस समय के धार्मिक नैतिक ऐतिहासिक आदर्शो का अमूल्य और अक्षय संग्रह है। मानव जीवन का कोई पहलू और समस्या नहीं जिस पर विस्तार से विचार न किया गया हो।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 07:59 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 07:59 PM (IST)
परसरमा में नौ दिवसीय महाविष्णु यज्ञ का आयोजन

सुपौल। प्रखंड क्षेत्र के परसरमा गांव के वार्ड नंबर 06 में चल रहे 9 दिवसीय महाविष्णु यज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार को अयोध्या से आए कथावाचक भगवान शरण जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि श्रीराम चरितमानस में भगवान श्रीराम और रावण के संघर्ष की गाथा ही नहीं भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म के सर्वांगीण विकास का एक विशाल विश्व कोष है। इसमें उस समय के धार्मिक नैतिक ऐतिहासिक आदर्शो का अमूल्य और अक्षय संग्रह है। मानव जीवन का कोई पहलू और समस्या नहीं जिस पर विस्तार से विचार न किया गया हो। भगवान श्रीराम का जीवन दर्शन मानव मात्र के लिए अनुकरणीय है। पिता का आदेश मानकर जंगल में जाने वाले आदर्श पुत्र है। अपने भाई भरत के लिए अयोध्या जैसे राज्य को परित्याग करने वाला आदर्श भाई है। अपने प्रणाधिका प्रियतमा को रावण से रक्षा करने वाला एक आदर्श पति है। लोकानुरंजन के लिए अपनी पत्नी सीता को त्याग करने वाला आदर्श राजा है। इसलिए श्रीराम महान हैं। दुनिया में आज भी उनकी बराबरी करने वाला कोई और नहीं है। आज भी समाज के लिए परिवार के लिये जो व्यक्ति त्याग करता है वह समाज में सबका सिर मौर बन जाता है।

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