मूलभूत समस्याओं से कोसों दूर है सिराजपुर गांव
सदर प्रखंड अंतर्गत अमहा को गम्हरिया से जोड़नी वाली मुख्य सड़क पर मधेपुरा सीमा के समीप धत्ता टोला के पास बुधहु नदी पुल पर खतरनाक गड्ढा बन गया है जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है। इस सड़क से रोजाना सैकड़ों की संख्या में साइकिल से लेकर चारपहिया वाहनों की होती है आवाजाही। खासकर रात्रि के समय तो दुर्घटना की सम्भावना ज्यादा बनी रहती है।
सुपौल। आजादी के छह दशक से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है सिराजपुर गांव के लोग। सड़क, स्वास्थ्य, सिचाई जैसी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं ग्रामीण। मरौना थाना से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर बसे इस गांव को आवागमन के लिये जर्जर सड़क व एप्रोच विहीन पुल-पुलिया का ही सहारा है। वह भी बरसात के दिनों में इस कदर पानी से डूब जाता है कि खेत व जर्जर सड़क एक समान नजर आता है। परिणाम स्वरूप ग्रामीणों को गांव से निकलना या पहुंचना चुनौती पूर्ण कार्य होता है। इस परिस्थिति में अगर किसी की तबीयत बिगड़ जाने पर ग्रामीण चिकित्सकों के पास पहुंचना ही इनकी विवशता होती है। मरौना दक्षिण पंचायत अंतर्गत अवस्थित इस गांव के लोगों का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधियों के उपेक्षा पूर्ण रवैये के कारण ही इस तरह की स्थिति पैदा हुई है कि अब तक एक भी पक्की सड़क का निर्माण नहीं हो सका। शिक्षा के अभाव में आज भी यहां के अधिकांश बच्चे माध्यमिक शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इस गांव में सिचाई सुविधा का भी घोर अभाव है।