बिना गुरु का आध्यात्मिक ज्ञान और वैराग्य नहीं हो सकता संभव
जागरण संवाददाता सुपौल गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु पादुका पूजन का कार्यक्रम बाबापीठ काली
जागरण संवाददाता, सुपौल: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु पादुका पूजन का कार्यक्रम बाबापीठ कालीधाम कर्णपुर में मायरप्रेमी मंडल द्वारा शिवाचार्य पूज्य पंडित जीवेश्वर मिश्र के सानिध्य में हुआ। गुरु पादुका पूजन में दूर-दूर से शतादिक भक्तगण शामिल हुए। कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए आयोजन मंडल ने सैनिटाइजर एवं मास्क का वितरण करते हुए शारीरिक दूरी का पालन कराया। कार्यक्रम में पूज्य गुरुदेव ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का वास्तविक अर्थ है गुरु पूर्ण मां मतलब ये कि मां ही हमारी सर्वप्रथम गुरु है एवं जीवन में आध्यात्मिकता की और लाने वाला आपका वास्तविक गुरु है। कहा कि गुरु ही सिर्फ मुक्ति का मार्ग बता सकता है, बिना गुरु का आध्यात्मिक ज्ञान और वैराग्य संभव ही नहीं है। आप अपने गुरु में ही ब्रह्मा, विष्णु, महेश को खोज सकते हैं और अपनी साधना से प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही पंडित जीवेश्वर मिश्र ने तंत्र के संदर्भ में भी बताया कि आज के इस समय में लोग तंत्र-मंत्र को मारण, मोहन वशीकरण का ही उपयोग को मंत्र समझते हैं। जबकि तंत्र एक ब्रह्म ज्ञान है। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंडित रतन जी शास्त्री के साथ मणिरमण ने किया। कार्यक्रम में शामिल साधक चंद्रकांत, अमरेश पाठक, सुबोध पाठक, मिथिलेश पाठक, भगवान जी पाठक, वीरेंद्र चौधरी, अजीत पाठक, दिनेश सिंह के अलावा बिहार-झारखंड सहित विविध क्षेत्रों के मायेर प्रेमी मंडल के साधक गण शामिल थे।