..ताकि लॉकडाउन ना हो जाए गरीबों का चूल्हा
कोरोना संक्रमण को रोकने लिए अब बुजुर्गों की टोली बरुआरी बरैल परसौनी जगतपुर और परसरमा गांव में शारीरिक दूरी बनाए रखने की पाठ पढ़ाएंगे।कोरोना संक्रमण को रोकने लिए अब बुजुर्गों की टोली बरुआरी बरैल परसौनी जगतपुर और परसरमा गांव में शारीरिक दूरी बनाए रखने की पाठ पढ़ाएंगे।कोरोना संक्रमण को रोकने लिए अब बुजुर्गों की टोली बरुआरी बरैल परसौनी जगतपुर और परसरमा गांव में शारीरिक दूरी बनाए रखने की पाठ पढ़ाएंगे।कोरोना संक्रमण को रोकने लिए अब बुजुर्गों की टोली बरुआरी बरैल परसौनी जगतपुर और परसरमा गांव में शारीरिक दूरी बनाए रखने की पाठ पढ़ाएंगे।कोरोना संक्रमण को रोकने लिए अब बुजुर्गों की टोली बरुआरी बरैल परसौनी जगतपुर और परसरमा गांव में शारीरिक दूरी बनाए रखने की पाठ पढ़ाएंगे।
-युवाओं की त्रिवेणीगंज अगेंस्ट कोरोना टीम गरीब परिवारों को करा रही राशन मुहैया
-फोन कॉल या सोशल मीडिया पर जानकारी के बाद घर पर पहुंचाया जा रहा राशन
-92 सदस्यों की है यह टीम, आपसी चंदा से खरीदी जाती है राहत सामग्री
-अबतक तीन सौ परिवारों को टीम कर चुकी है मदद, सक्रिय हैं सभी सदस्य
---------------------------------------
फोटो नंबर-7 एसयूपी-5
-------------------------------
जितेंद्र कुमार राजेश, त्रिवेणीगंज (सुपौल) : कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन है। धंधा-रोजगार बंद है। उनकी तो शामत ही आ गई है, जिनके घरों का चूल्हा दैनिक मजदूरी के पैसे से चलता था। ऐसे में किसी गरीब का चूल्हा लॉकडाउन ना हो जाए, इसके लिए स्थानीय युवा त्रिवेणीगंज अगेंस्ट कोरोना टीम का गठन कर गरीब परिवारों को राशन मुहैया करा रहे हैं। टीम को फोन कॉल या सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद उन घरों में राशन पहुंचा दिया जाता है, जहां जरूरत है। 92 सदस्यों की यह टीम आपसी चंदा से राहत सामग्री की खरीदारी करती है। लॉकडाउन के बाद टीम द्वारा अबतक तीन सौ परिवारों को मदद दी जा चुकी है। किसी का चूल्हा ठंडा नहीं पड़ जाए, इसलिए सभी सदस्य सक्रिय रहते हैं।
त्रिवेणीगंज अगेंस्ट कोरोना के संस्थापक डॉ. अमित कुमार चौधरी ने बताया कि लॉकडाउन के बीच पिछले कई दिनों से मुख्यालय क्षेत्र की सभी पंचायतों में युवकों द्वारा सूखा राशन वितरण किया जा रहा है। कहा कि लॉकडाउन में गरीब परिवारों को भूखा नहीं रहना पड़े यह सरकार की ही नहीं आमलोगों की भी जवाबदेही है। इसका निर्वहन स्थानीय युवाओं द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इसपर जानकारी मिलने पर उस गांव के जनप्रतिनिधियों से जानकारी हासिल की जाती है, जहां का जरूरतमंद होता है। सही जानकारी मिलने पर किसी सदस्य को राशन लेकर भेजा जाता है। विवेक राज चौधरी ने बताया कि इसके तहत चार किलो चावल, आधा लीटर सरसों का तेल, सोयाबड़ी, आधा किलो आलू, एक किलो नमक और साबुन दिया जाता है। क्षेत्र में राशन वितरण कर रहे कार्यकर्ता संतोष कुमार सियोटा, नीतीश यादव, किशन प्यारे, नीतीश आनंद, सुधाकर कुमार ने बताया कि कॉल आते ही उस पंचायत के पते पर राशन उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता रहती है। अभी तक हमारी टीम की ओर से तीन सौ घरों में सूखा राशन पैकेट का वितरण किया गया है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही हमलोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी परेशानी बताई तो हमारे पते पर सूखा राशन उपलब्ध करा दिया गया। इस संकट की घड़ी में युवाओं का यह प्रयास काबिले तारीफ है, समाज के लिए अनुकरणीय है।