प्रतिनियुक्त अधिकारी के जांच प्रतिवेदन को ले अस्पताल कर्मियों में नाराजगी
बेपटरी नहीं हो समाज इसके लिए सुपौल जिले के सरायगढ़-भपटियाही के पिपराखुर्द निवासी देव सुंदर शर्मा 65 वर्ष की उम्र में भी आवाज लगा रहे हैं। वे 2012 में रेलवे से सेवानिवृत्त हुए। नौकरी के समय से ही उनके मन में समाज को आगे बढ़ाने की ललक थी। जैसे ही सेवानिवृत्त हुए कि गांव आकर सबसे पहले शिक्षा दान देने की शुरुआत की। गांव में गरीब तथा महादलित वर्ग के छात्र-छात्राओं की खोज करना तथा उसको शिक्षा से जोड़ना उनका मुख्य लक्ष्य है।
-पूछताछ काउंटर नहीं कर रहा है काम,साफ-सफाई की स्थिति नहीं है अच्छी
-मरीजों ने की खाने-पीने की व्यवस्था की शिकायत, प्रसूता ने बताया नहीं मिलता आहार
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फोटो नंबर-21 एसयूपी-9
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जागरण संवाददाता, सुपौल: सदर अस्पताल में जिलाधिकारी के आदेश से हो रही जांच पड़ताल को ले मंगलवार को कर्मियों में खासी नाराजगी देखी गई। कर्मियों का कहना था कि जांच के लिए आने वाले पदाधिकारी खानापूरी करते हैं। चिकित्सक व कर्मी उपस्थित रहते हैं और जांच प्रतिवेदन में कर्मियों को अनुपस्थित कर दिया जाता है। कर्मियों ने बताया कि सोमवार को आईसीडीएस के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी राखी कुमारी जांच के लिए आई। उस वक्त सभी चिकित्सक व कर्मी उपस्थित थे। वे ओपीडी की तरफ न आकर सीधे आपातकालीन कक्ष की ओर चली गई। इसी क्रम में वे दवा काउंटर पर गई। दवा काउंटर पर कर्मी प्रकाश कुमार से उनकी बातचीत भी हुई। उस वक्त दवा काउंटर में दो और कर्मी काम कर रहे थे। उसके बाद उन्हें गार्ड अपने साथ वहां से रूम नं-12 में चिकित्सक के पास लेकर आया। उसके बावजूद जांच प्रतिवेदन में दवा काउंटर के कर्मी व गार्ड को अनुपस्थित बताया गया है। इसके अलावा अन्य कर्मी को भी अनुपस्थित बताया गया है।
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क्या है जांच प्रतिवेदन
आईसीडीएस के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी राखी कुमारी ने जांच प्रतिवेदन में चिकित्सक की उपस्थिति के बाबत महिला वार्ड में डा.नूतन वर्मा तथा आपातकालीन में डा.अनिल कुमार को उपस्थित बताया है। वहीं लिखा है कि स्वास्थ्य कर्मी जांच के समय अपने नियत जगह पर उपस्थित नहीं थे। दवाओं की उपलब्धता के बाबत कहा गया कि दवा काउंटर पर कर्मी उपस्थित नहीं रहने के कारण पूछताछ नहीं की जा सकी। बाद में कर्मी उपस्थित हुए। सदर अस्पताल पहुंचने पर गार्ड भी अनुपस्थित थे। दस मिनट उपरांत उपस्थित हुए। प्रतिवेदन में पुर्जा काटने वाले कर्मी को अनुपस्थित बताया गया है और लिखा है कि दोनों कर्मी बाद में उपस्थित हुए। कहा गया है कि प्रसव कक्ष की साफ-सफाई नहीं थी। पूछताछ काउंटर काम नहीं कर रहा है। अन्य सभी कक्ष में सफाई की स्थिति अच्छी नहीं थी। डा.अरूण कुमार वर्मा के द्वारा बताया गया कि हमारे यहां स्टाफ की कमी है। प्रखंड किसनपुर के थरबिट्टा की मरीज अंजू कुमारी द्वारा बताया गया कि यहां पर पूछताछ के क्रम में अस्पताल में असहयोगात्मक रवैया अपनाया जाता है, साथ ही खाने की व्यवस्था नहीं है। अररिया जिले के नरपतगंज के मो.एहसान के द्वारा बताया गया कि रोगी के खाने-पीने की व्यवस्था नहीं है। सुपौल के महुआ की प्रसूता नूरजहां द्वारा बताया गया कि यहां पर आहार की व्यवस्था नहीं है।
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क्या है मामला
चिकित्सक व कर्मियों की उपस्थिति, दवाओं की उपलब्धता व अन्य सुविधाओं की जांच के साथ-साथ रोगी की फीड बैक लेने के जिलाधिकारी ने एक आदेश जारी किया था। जिसके बाद अपनी ड्यूटी पर लेट-लतीफ व गायब रहने वाले चिकित्सक व कर्मियों में खलबली मच गयी। जिलाधिकारी ने जांच के लिए सप्ताह के छह कार्यदिवस के लिए छह पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया। सोमवार को आईसीडीएस के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी राखी कुमारी, मंगलवार को वरीय उप समाहत्र्ता वीरेन्द्र कुमार, बुधवार को जिला परिवहन पदाधिकारी रजनीश लाल, गुरूवार को डीआरडीए निदेशक ब्रज बिहारी भगत, शुक्रवार को अपर अनुमंडल पदाधिकारी अनन्त कुमार एवं शनिवार को भूमि उप समाहत्र्ता संजय कुमार को प्रतिनियुक्त किया। इन प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों को सदर अस्पताल में जांच कर आवंटित तिथि को जांच प्रतिवेदन जिला गोपनीय शाखा(आवास)को उपलब्ध कराने का भी निदेश दिया। इसी कड़ी में सोमवार को आईसीडीएस के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी राखी कुमारी सदर अस्पताल पहुंची थी।