विभिन्न मांगों को लेकर जनवितरण विक्रेता गए हड़ताल पर
कुछ तो कोसी का कोप और कुछ नीति नियंताओं के कारण जिले की आधी से अधिक आबादी गरीब है। मतलब सरकार ने जो गरीबी को मापने के लिए रेखा खींची है उससे नीचे जीवन बसर करती है यहां की साढ़े बारह लाख की आबादी। नतीजा है कि रोजगार की तलाश में मजदूरों का पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। उद्योग-धंधे के नाम पर यहां ऐसा कुछ नहीं नहीं है जो परदेस जाते कदमों को थाम सके।
संवाद सूत्र, सरायगढ़(सुपौल): विक्रेताओं को 30 हजार प्रतिमाह मानदेय तय करने या 300 रुपये प्रति क्विटल की दर से कमीशन देने सहित अन्य मांगों को लेकर सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के सभी जनवितरण विक्रेता 1 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल को लेकर विक्रेताओं द्वारा पूर्व से ही सरकार को अल्टीमेटम दिया जा रहा था। सरकार के समक्ष समर्पित मांग पत्र पर अमल नहीं करने की स्थिति में पहली जनवरी 2020 से विक्रेता हड़ताल पर जाएंगे यह घोषित था। जनवितरण विक्रेता संघ सरायगढ़ भपटियाही के सचिव गुंदेश्वरी मेहता ने बुधवार को जानकारी देते बताया कि विक्रेताओं के हड़ताल पर जाने के कारण लाभुकों को राशन तथा किरासन देना बंद कर दिया गया है। सचिव ने बताया कि हड़ताल के दौरान कोई भी विक्रेता अपने दुकान को नहीं खोलेंगे तथा ई पॉस मशीन को भी बंद रखेंगे। सचिव ने बताया कि विक्रेताओं के दुकान की निगरानी के लिए टीम बना दी गई है ताकि लाभुकों के दबाव में भी कोई दुकानदार अपनी दुकान को नहीं खोल सकेंगे। उधर नए वर्ष के आगमन के साथ ही प्रखंड क्षेत्र के सभी विक्रेताओं का एक साथ हड़ताल पर जाने से लाभुकों में परेशानी दिखाई देने लगी है। कई लाभुकों ने जानकारी देते बताया कि अभी भी दिसंबर माह के राशन तथा किराशन का वितरण शुरू हुआ था। लेकिन विक्रेताओं के हड़ताल के कारण अब उन सबको ना तो राशन मिलेगा नहीं किराशन। कुछ लाभुकों ने बताया कि सभी जनवितरण की दुकान से उनलोगों को राशन किरासन नहीं मिलता है तो प्रकार की कठिनाइयां सामने आ जाएगी। उधर पूछे जाने पर विक्रेता संघ सचिव ने बताया कि मांगों पर तत्काल विचार हेतु जिला पदाधिकारी से अनुरोध किया गया है। यदि प्रशासन तथा सरकार के स्तर से इसको लेकर कोई ठोस आश्वासन मिलता है तभी जाकर विक्रेता हड़ताल वापस ले सकते हैं।