पत्नी के सदमे में पति की भी गई जान, एक साथ उठी अर्थी
कुछ तो कोसी का कोप और कुछ नीति नियंताओं के कारण जिले की आधी से अधिक आबादी गरीब है। मतलब सरकार ने जो गरीबी को मापने के लिए रेखा खींची है उससे नीचे जीवन बसर करती है यहां की साढ़े बारह लाख की आबादी। नतीजा है कि रोजगार की तलाश में मजदूरों का पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। उद्योग-धंधे के नाम पर यहां ऐसा कुछ नहीं नहीं है जो परदेस जाते कदमों को थाम सके।
सुपौल: एक साथ पति-पत्नी की अर्थी उठने से जहां आसपास के गांव में चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं परिजन समेत गांव में शोक का माहौल बना हुआ है। मामला सदर प्रखंड स्थित चैनसिंहपट्टी गांव का है। जहां सोमवार को एक साथ पति-पत्नी की अर्थी निकली। हुआ यूं कि चैनसिंहपट्टी गांव निवासी शिक्षक श्यामल किशोर कामत की मां सीता देवी की मौत रविवार की संध्या हो गई। रात भर इस बात का पता सीता देवी के पति धनेश्वर कामत को नहीं चलने दिया। सुबह होते ही जब उन्हें इस बात की खबर मिली कि उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई है तो करीब 10 मिनट के अंदर उन्होंने भी अपना प्राण त्याग दिया। इस घटना की चर्चा यहां आस-पास के गांव में बनी हुई है। वहीं एक साथ दो अर्थी उठने से गांव में शोक का माहौल व्याप्त है।