विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ सड़क पर उतरे बच्चे, घंटों किया प्रदर्शन
प्रखंड के एनएच 57 के किनारे स्थित मध्य विद्यालय मझौआ के स्कूली बच्चों ने सोमवार को विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ एनएच को घंटों जाम कर प्रदर्शन किया। बच्चों का आक्रोश न सिर्फ भोजन में बरती जा रही अनियमितता बल्कि सरकार द्वारा दिए जाने वाली पुस्तक की राशि व अन्य प्रोत्साहन राशि के ससमय नहीं मिलने को लेकर भी था।
संवाद सूत्र, प्रतापगंज(सुपौल): प्रखंड के एनएच 57 के किनारे स्थित मध्य विद्यालय मझौआ के स्कूली बच्चों ने सोमवार को विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ एनएच को घंटों जाम कर प्रदर्शन किया। बच्चों का आक्रोश न सिर्फ भोजन में बरती जा रही अनियमितता बल्कि सरकार द्वारा दिए जाने वाली पुस्तक की राशि व अन्य प्रोत्साहन राशि के ससमय नहीं मिलने को लेकर भी था। बच्चों का आक्रोश इतना चरम पर था कि हाथों में डंडा लिए एनएच के दोनों लेन पर न सिर्फ बांस-बल्ला लगाया, बल्कि टायर जलाकर भी यातायात को बाधित कर आक्रोश का इजहार किया। बच्चों के अभिभावक मूकदर्शक बने रहे। जैसे लग रहा था शायद उनकी स्वीकृति बच्चों के साथ है। बाहरी लोग तो छोटे-छोटे बच्चों की इस हरकत को देख दांतों तले अंगुली दबा रखे थे। शिक्षकों का कहना था कि बीते कई महीनों से विद्यालय में शिक्षा समिति के सचिव का पद रिक्त है। चुनाव प्रक्रिया पूर्ण कर बीआरसी को दे दिया गया है। लेकिन वहां से सचिव का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है। बगैर सचिव के विद्यालय के राशि का उठाव नहीं किया जा सकता है। बावजूद बीते दो माह से पदाधिकारी के सिर्फ मौखिक आदेश से उधार लेकर एमडीएम संचालित किया जा रहा है। वहीं बच्चों का आक्रोश था कि पदाधिकारी के इस रवैये से बच्चे क्यों प्रभावित हो। जाम की सूचना सुनते ही स्थानीय थाना के अनि आरसी सिंह व अरुण कुमार यादव दल बल के साथ स्थल पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लेने लगे। तब तक सीआरसीसी व कुछ जनप्रतिनिधि भी स्कूल पर पहुंच गए थे। वस्तुस्थिति का जायजा ले पुलिस व जनप्रतिनिधिय काफी मशक्कत के बाद बच्चों को समझाने में सफल रहे। तब जाकर करीब ढ़ाई घंटे बाद जाम समाप्त करवा कर यातायात बहाल किया जा सका। तत्पश्चात विद्यालय परिसर में बच्चों, उनके अभिभावकों व शिक्षकों के बीच विद्यालय पहुंचे उप प्रमुख अमोल भारती ने कहा कि उन्हें भी बार बार शिकायत मिल रही है कि प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के न होने की वजह से चरमरा सी गई है। प्रभारी के रुप में कार्यरत पदाधिकारी एक दो सप्ताह में एक बार आकर व्यवस्था का जायजा लेकर खानापूर्ति कर देते हैं। वह भी बीआरसी.के प्रांगण में बैठकर। क्षेत्रीय स्कूलों के प्रबंधन को ले उन्हें धरातल पर की स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है। जिसका नतीजा आज देखने को मिल रहा है। वे इसकी शिकायत डीएम सुपौल से मिलकर करेंगे।