रबी की तैयारी में जुटा विभाग, पंचायतवार किया लक्ष्य निर्धारित
मिथिलांचल की धरती रीति-रिवाजों व परंपराओं से भरी पड़ी है। यहां मवेशियों के बीच प्रतियोगिता की परंपरा है। यह काफी पुरानी परंपरा है जिसका आयोजन साल में एक बार किया जाता है। हालांकि यह प्रतियोगिता एक तरह से अमानवीय है। प्रतियोगिता के रूप में चली आ रही यह परंपरा के पीछे का रहस्य क्या है सही-सही कोई नहीं जानता। वैसे समय के बढ़ते चक्र के साथ यह परंपरा मलिन पड़ती जा रही है लेकिन अब भी कई जगह लोग इसे जिदा रखे हुए हैं।
जागरण संवाददाता, सुपौल: रबी मौसम में सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ पंचायत स्तर पर पहुंचे इसके लिए विभाग ने पहली बार जिले को मिले लक्ष्य को प्रखंड स्तर पर निर्धारित न कर पंचायत स्तर पर निर्धारित किया है, जिससे अब इस बात की उम्मीद जग चुकी है कि सरकार की योजनाएं पंचायत स्तर पर पहुंचेगी और निश्चित ही उपादान में भी इजाफा होगा। इससे पूर्व जिले को मिले लक्ष्य को विभाग सीधे प्रखंड स्तर पर विभाजित कर देता था। जिससे लक्ष्य तो पूरा हो जाता था। परंतु सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ कुछ खास किसानों तक ही सिमट कर रह जाता था। परंतु इस बार पंचायतवार लक्ष्य आवंटित किए जाने की व्यवस्था से निश्चित ही नीचे स्तर तक के किसानों को इसका लाभ प्राप्त हो सकेगा।
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जिले को करीब सवा लाख हेक्टेयर आच्छादन का मिला लक्ष्य
रबी के इस मौसम में जिले को 1 लाख 21 हजार 115 हेक्टेयर खेतों में रबी फसल के आच्छादन का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसमें गेहूं की खेती के लिए 60 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित है। इसके अलावा दलहन के लिए 48 हजार 550 हेक्टेयर के लिए तेलहन के लिए 6565 हेक्टेयर तथा मक्का खेती के लिए 6 हजार हेक्टेयर आच्छादन शामिल है। फसलवार आवंटित इन सभी लक्ष्यों को विभाग ने पंचायतवार आवंटित कर संबंधित सभी कृषि कर्मियों को हर हाल में लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश जारी किए हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने फसलवार गुणवत्ता बीज अनुदानित मूल्य पर उपलब्ध कराने की बात कही है।
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रबी की तैयारी में जुटा विभाग
इधर रबी फसल की तैयारी को लेकर विभाग ने कमर कस ली है। तैयारी के मद्देनजर विभाग ने सरकार द्वारा संचालित योजना और किसानों को खेती के टिप्स देने की व्यवस्था साथ-साथ की है। जिला स्तर पर आयोजित रबी महोत्सव प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कर सभी कृषि कर्मियों को अपडेट कर उनके कार्यों और दायित्वों से उन्हें अवगत करा दिया गया है। इसके अलावा जिले के सभी 11 प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय रबी महोत्सव की तिथि निर्धारित कर दी गई है। जिसकी शुरुआत बुधवार से सुपौल एवं पिपरा प्रखंड से किया जाना है। प्रखंड स्तर पर आयोजित कार्यशाला के बाद पंचायत स्तर पर किसान चौपाल का भी आयोजन किया जाना है। इस बार विभाग कार्यशाला को लेकर काफी गंभीर दिख रहा है। अधिकारियों का साफ-साफ मानना है कि किसी भी सूरत में कार्यशाला में खानापूर्ति होने नहीं दी जाएगी। कार्यशाला में अधिक से अधिक किसान पहुंचे यह सुनिश्चित करने को कहा गया है।
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इन योजनाओं से आच्छादित होगी रबी फसल
-राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन गेहूं के तहत जीरो टिलेज फसल पद्धति पर आधारित प्रत्यक्ष बीज वितरण
-10 वर्ष से कम आयु के प्रभेद
-10 वर्ष से अधिक उम्र आयु के प्रभेद
-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना रफ्तार
-जीरो टिलेज
-मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना गेहूं
-मुख्यमंत्री मसूर बीज योजना
-बीज ग्राम गेहूं बीज योजना
-मसूर बीज योजना
-मटर, राई सरसों बीज योजना आदि शामिल हैं
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दलहन फसल के लिए ये हैं योजनाएं
-राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन के तहत मसूर बीज योजना
-मूंग बीज योजना
-खेसारी बीज योजना शामिल हैं
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ऐसे होगा वितरण
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जहां मुख्यमंत्री बीज विस्तार योजना गेहूं के तहत 250 किसानों को 20 किलोग्राम प्रति किसान की दर से बीज का वितरण किया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री मसूर बीज योजना के तहत 400 किसानों को 4 किलोग्राम प्रति किसान, मसूर बीज के तहत 201 किसानों को 10 किलोग्राम प्रति किसान की दर से, मटर बीज का वितरण 50 किसानों के बीच 32 किलोग्राम प्रति किसान तथा राई सरसों का बीज 100 किसानों के बीच 2 किलोग्राम प्रति किसान की दर से आवंटित की जाएगी।