बायसी काली पूजा मेला में कुश्ती प्रतियोगिता
मिथिलांचल की धरती रीति-रिवाजों व परंपराओं से भरी पड़ी है। यहां मवेशियों के बीच प्रतियोगिता की परंपरा है। यह काफी पुरानी परंपरा है जिसका आयोजन साल में एक बार किया जाता है। हालांकि यह प्रतियोगिता एक तरह से अमानवीय है। प्रतियोगिता के रूप में चली आ रही यह परंपरा के पीछे का रहस्य क्या है सही-सही कोई नहीं जानता। वैसे समय के बढ़ते चक्र के साथ यह परंपरा मलिन पड़ती जा रही है लेकिन अब भी कई जगह लोग इसे जिदा रखे हुए हैं।
करजाईन बाजार: राघोपुर प्रखंड क्षेत्र के बायसी पंचायत स्थित प्रसिद्ध काली मंदिर बायसी में काली पूजा एवं दीपावली के दिन से लगने वाला काली मेला की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। मंदिर का रंग-रोगन एवं साज-सज्जा अंतिम चरण में है। काली पूजा समिति बायसी के अध्यक्ष व पूर्व पंसस तारानंद यादव ने बताया कि काली मेला के अवसर पर 4 नवंबर से 6 नवंबर तक भव्य कुश्ती का आयोजन किया जाएगा। जिसमें देश सहित विदेश के पहलवान भाग लेंगे। वहीं मेले में मौत का कुंआ, जादू, ब्रेक डांस सहित अन्य मनोरंजन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो इसकी पूरी व्यवस्था की गई है।