बच्चों का स्कूल में नहीं हो पाता ठहराव, शिक्षकों में उदासीनता का भाव
बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत भगवानपुर के पंचायत सरकार भवन में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विशेष आम सभा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मुखिया जयप्रकाश पासवान ने की। इस मौके पर मुखिया ने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 में ग्राम पंचायत विकास प्रोग्राम (जीपीडीपी) के अंतर्गत सबका साथ सबका विकास योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है। जिसमें मनरेगा के तहत पशु शेड बकरी शेड निजी जमीन में पौधरोपण पोखर निर्माण एवं सात निश्चय योजना के तहत पक्की गली-नली की सूची तैयार करना है।
संवाद सूत्र, पिपरा(सुपौल): आज के बच्चे कल के भविष्य हैं। जिसको लेकर सरकार ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, मध्याह्न भोजन, स्कूल में बच्चों के ठहराव हेतु एक पर एक योजनाएं चला रखी है। वहीं इसका असर प्रखंड में नहीं देखा जा रहा है। बुधवार 12:00 बजे उर्दू प्राथमिक विद्यालय दुबियाही का हाल बेहाल बना था। सात शिक्षक में एक उपस्थित थे, जो कुछ बच्चों को पढ़ा रहे थे। बच्चे यत्र-तत्र खेल रहे थे। उपस्थित शिक्षक बबली सरदार से पूछने पर बताया कि बच्चों की उपस्थिति पंजी टेबल पर रखी है, उपस्थिति नहीं बनाई गई है। प्रधानाध्यापक रेजा आलम आए और अपनी उपस्थिति पंजी पर बनाकर सुपौल चले गए। बच्चों के नामांकन एक से 5 वर्ग तक में 260 के आसपास है। विद्यालय में न चारदीवारी थी और नहीं एक ही शौचालय चालू व्यवस्था में। विद्यालय परिसर मवेशी के चारगाह में तब्दील था। विद्यालय परिसर में कचरे का अंबार लगा था। जब गुरु जी ही विद्यालय में ना रहें तो विद्यालय की स्थिति और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की स्थिति का सहजता से पता लगाया जा सकता है। यहां के अभिभावक कहते हैं शिक्षा समिति के अध्यक्ष से लेकर पदाधिकारी मैनेज रहते हैं। तभी तो इस विद्यालय का निरीक्षण करने को अधिकारी नहीं पहुंचते हैं। यह विद्यालय त्रिवेणीगंज-राघोपुर सीमावर्ती क्षेत्र में अवस्थित है जहां चाह कर भी पदाधिकारी विद्यालय नहीं पहुंच पाते हैं।