कार्यशाला में दी गई शिक्षा में बदलाव की जानकारी
जागरण संवाददाता सुपौल बिहार शिक्षा परियोजना सभागार में गुरुवार को क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेश्
जागरण संवाददाता, सुपौल : बिहार शिक्षा परियोजना सभागार में गुरुवार को क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक की अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में आने वाले बदलाव के बारे में समझ विकसित किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक जगतपति चौधरी ने कहा कि स्कूली शिक्षा के 10 प्लस 2 के ढांचे को अब 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 में बदला जाएगा। इसके अंतर्गत क्रमश: फाउंडेशन स्टेज, प्रीपेटरी स्टेज, मिडिल स्टेज एवं सेकेंडरी स्टेज होगा। पूर्व में 3 साल के बच्चे आंगनबाड़ी विद्यालय में प्रीस्कूलिग करेंगे, इसके बाद अगले 2 साल कक्षा 1 और 2 की पढ़ाई स्कूल में होगी। प्रीपेटरी स्टेज में कक्षा 3 से 5 तक बच्चे विज्ञान गणित की पढ़ाई करेंगे। मिड्ल स्टेज में कक्षा 6 से पढ़ाई होगी। जिसमें शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास को भी जोड़ा गया है। सेकेंडरी स्टेज में कक्षा 9 से 12 की पढ़ाई दो चरण में होगी। जिसमें विषयों का गहन अध्ययन कराया जाएगा। छात्रों को विषय चुनने की आजादी होगी। कहा कि नई शिक्षा नीति इस प्रकार बनाई गई है कि स्कूल का हर छात्र एक कौशल लेकर निकलेगा। छात्र इस स्टेज में इच्छानुसार विषय चयन कर सकेंगे। उदाहरण स्वरूप विज्ञान व गणित विषय के साथ फैशन डिजाइनिग या अन्य व्यावसायिक शिक्षा भी प्राप्त कर सकेंगे। इस तरह 2025 तक वर्ग 3 के सभी छात्र छात्राओं को बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञानवर्धन कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है। अब छात्र शिक्षकों के अनुपात भी बदल जाएंगे। जहां पहले छात्र शिक्षकों का अनुपात 40:1 का था वहीं अब यह 30:1 होगा। कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यथासंभव कम से कम 5 वर्ष तक शिक्षा घरेलू भाषा, स्थानीय भाषा या क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराई जाएगी। माध्यमिक शिक्षा के दौरान वैकल्पिक भाषा के क्षेत्र में विदेशी भाषा रुचि और इच्छा के अनुसार उपलब्ध कराई जाएगी। बच्चों का तीसरी पांचवी और आठवीं कक्षा में मूल्यांकन किया जाएगा। साथ ही 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा यथावत रहेगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र पारख के बारे में सभी को जानकारी हो इसके लिए शिक्षक स्वेच्छा से 50 घंटे के सतत व्यावसायिक विकास कार्यक्रम में भाग लेंगे। संभाग प्रभारी शम्से आलम ने कहा कि केजीबीवि अब उत्क्रमित होकर ग्रेड 12 तक विस्तारित हो जाएगी। प्रत्येक प्रखंड में एक या एक से अधिक विद्यालय कलस्टर के रूप में विकसित होंगे। सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से इस दिशा में सुझाव भेजने को कहा गया यूनिसेफ के जिला समन्वयक प्रशांत कुमार सिंह ने प्रत्येक प्रखंड में कलक्टर निर्माण हेतु प्रखंड से एक या एक से अधिक स्कूल की सूची जिला को समर्पित करने को कहा ताकि सरकार को भेजकर ऐसे विद्यालयों को कलस्टर विद्यालय के रूप में विकसित किया जा सके। कार्यशाला में सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान के संभाग प्रभारी लेखा पदाधिकारी सभी प्रखंड साधनसेवी प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक के साथ-साथ यूनिसेफ के अधिकारी उपस्थित थे।