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साइबर क्राइम:::::सीओ बन जालसाज ने किया फोन, खाते से निकल गई राशि

लंबे इंतजार के बाद सुपौल के लोगों को भी अब एक बार फिर से रेल सुविधा मुहैया होने जा रही है। सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड के सहरसा-सुपौल के बीच चल रहे अमान परिवर्तन कार्य को लेकर खुशखबरी है। इस माह ही इस रेलखंड पर सीआरएस निरीक्षण होने वाला है और ट्रायल ट्रेन चलेगी। अगले माह से गाडिय़ों का परिचालन सुनिश्चित होगा। इसको लेकर विभाग और संवेदक दिन-रात काम में जुटे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 05:47 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 05:47 PM (IST)
साइबर क्राइम:::::सीओ बन जालसाज ने किया फोन, खाते से निकल गई राशि

संवाद सूत्र, राघोपुर(सुपौल): फोन पर एटीएम कार्ड का नंबर पूछना, खाते से रुपए गायब होने का मामला हर दिन सामने आ रहा है। ऐसा भी नहीं है कि इस तरह की घटनाओं के लिये प्रशासनिक स्तर पर लोगों में जागरूकता नहीं लाई गई हो। बावजूद हर दिन कोई न कोई झांसे में आकर अपने खून-पसीने की गाढ़ी कमाई गंवा बैठते हैं। थाना क्षेत्र के देवीपुर पंचायत में सोमवार को इसी तरह का एक जालसाजी का मामला सामने आया। जिसमें प्राथमिक विद्यालय गम्हरिया के शिक्षक निरंजन पासवान ने फोन पर अपना एटीएम नम्बर एवं पिन कोड बताकर अपने खाते से 48 हजार रुपया गंवा बैठे। इस मामले को लेकर पुलिस एवं बैंक को दिए आवेदन में पीड़ित शिक्षक ने कहा है कि शिक्षक के साथ-साथ वे बूथ संख्या 278 पर बीएलओ के रूप में कार्यरत हैं। सोमवार यानी 14 अक्टूबर की संध्या उनके मोबाइल पर अनजान नम्बर से राघोपुर सीओ का हवाला देकर कहा कि आपके द्वारा उपलब्ध कराए गए खाते में लिक की गड़बड़ी के चलते बीएलओ कार्य की राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है। जिसे लेकर उनसे एटीएम नम्बर एवं पिन कोड की मांग की। पीड़ित शिक्षक ने कहा कि उनकी बातों में आकर वह एटीएम नम्बर एवं उनका पिन कोड इसलिए बता दिया कि फोन पर उन्हें उनके अन्य कई बीएलओ साथी का भी नाम बताया गया। इतना ही नहीं हैरत की बात तो ये थी कि पिछले बैठक में उपस्थित सभी बीएलओ का नाम लेकर कहा कि इन सब को भी बोल दीजिये कि वे सभी लोग अपना-अपना एटीएम साथ रखें। ताकि फोन आने पर बता सकें। इन्हीं विश्वास पर शिक्षक उनके झांसे में आकर अपने बैंक खाते की गुप्त जानकारी उन्हें बता दिया और पलक झपकते ही उनके खाते से रुपया गायब हो गया और तो और जब इस घटना की लिखित जानकारी राघोपुर थाना को देने गया तो आवेदन लेने से भी पुलिस इनकार कर गई। इस घटना के बाद कई तरह के सवाल लोगों के मन में आना लाजमी है। आखिर साइबर क्रिमिनल को प्रखंड में बैठक होने की अद्यतन जानकारी कैसे प्राप्त हुई। अन्य बीएलओ का नाम पता की जानकारी क्रिमनल को कैसे हो गई। इन सब बातों से स्पष्ट होता है कि क्रिमिनल जो भी हो इसी इलाके का है जो ऑफिसियल जानकारी लेकर जालसाजी के घटना को अंजाम देता है और ऐसे में पुलिस द्वारा आवेदन तक लेने से इनकार करना उनके गलत कार्यशैली को दर्शाता है। इस संदर्भ में राघोपुर बीडीओ सुभाष कुमार ने कहा कि पीड़ित शिक्षक द्वारा उन्हें फोन पर बात किये गए ऑडियो के साथ लिखित आवेदन प्राप्त हुआ है। जिसकी जानकारी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को देकर उछ्वेदन का आग्रह किया गया है।

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