अपने अंदर के एक अवगुण को त्याग कर जाएं घर : मुरलिका
सुपौल : स्थानीय गांधी मैदान में गणेश महोत्सव के दौरान बह रहे अध्यात्मिक बयार के बीच भागवत कथ
सुपौल : स्थानीय गांधी मैदान में गणेश महोत्सव के दौरान बह रहे अध्यात्मिक बयार के बीच भागवत कथा के दौरान गुरुवार को कथा व्यास मुरलिका गौड़ ने परीक्षित महाराज के उद्धार, सुखदेव जी महाराज के अंर्तध्यान, कृष्ण-सुदामा की मित्रता और श्री कृष्ण भगवान के 16108 कन्याओं के साथ विवाह के रहस्य को उद्घाटित किया। उन्होंने कहा कि भौमासुर के जेल में बंद उन कन्याओं से अगर श्री कृष्ण विवाह नहीं करते तो उन्हें इस संसार में कौन स्वीकार करता। उन कन्याओं को अगर भगवान स्वीकार नहीं करते तो उनके पास दो ही रास्ता बच जाता। पहला वह आत्महत्या कर लेती या फिर वह वेश्यावृत्ति से जुड़ जाती। जिससे भारतीय संस्कृति को आघात पहुंचता। आत्महत्या सबों के लिए वर्जित है और स्त्री मात्र को वेश्यावृत्ति से बचना ही धर्म है। उन्होंने कहा कि गोस्वामी जी रामचरितमानस में लिखते हैं कि धीरज धर्म मित्र अरु नारी आपातकाल परिखहूं चारी। सुदामा जैसे गरीब जो श्री कृष्ण के बाल सखा थे को गले लगा कर और अपने समान ऐश्वर्य प्रदान कर भगवान श्री कृष्ण संसार को मित्रता कैसे निभानी चाहिए का संदेश दिया। भागवत कथा समापन के पश्चात कथा व्यास और उपस्थित भागवत प्रेमियों के बीच फूलों की होली खेली गई। अंत में कथा व्यास ने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि कम से कम अपने अंदर के एक अवगुण को त्याग कर घर जाएं। श्री गणेश पूजा समिति के सचिव ललन चौधरी ने नगर वासियों से आग्रह किया कि महाआरती में प्रत्येक घर से एक आरती थाल बप्पा के पंडाल में आना चाहिए। महा आरती का कार्यक्रम 22 सितंबर को संध्या 6:00 से 7:00 बजे के बीच आहूत है।