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भागवत कथा मनुष्य जीवन की सिद्ध करती है सार्थकता : जीवेश्वर

भारत एक आध्यात्मिक राष्ट्रवाद है और इस अध्यात्मिकता के उन्नयन के लिए श्रीमद भागवत कथा का आयोजन बाबा पीठ कर्णपुर में हो रहा है। कथा मनुष्य जीवन की सार्थकता को सिद्ध करती है। जीवन के विभिन्न पहलुओं में भागवत कथा का अमृतपान कारगर साबित होता है। सभी मनुष्य को भागवत कथा का अमृतपान करना चाहिए। यह कहना है विश्व हिदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित जीवेश्वर मिश्रा का।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 02:33 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 02:33 AM (IST)
भागवत कथा मनुष्य जीवन की सिद्ध करती है सार्थकता : जीवेश्वर
भागवत कथा मनुष्य जीवन की सिद्ध करती है सार्थकता : जीवेश्वर

सुपौल। भारत एक आध्यात्मिक राष्ट्रवाद है और इस अध्यात्मिकता के उन्नयन के लिए श्रीमद भागवत कथा का आयोजन बाबा पीठ कर्णपुर में हो रहा है। कथा मनुष्य जीवन की सार्थकता को सिद्ध करती है। जीवन के विभिन्न पहलुओं में भागवत कथा का अमृतपान कारगर साबित होता है। सभी मनुष्य को भागवत कथा का अमृतपान करना चाहिए। यह कहना है विश्व हिदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित जीवेश्वर मिश्रा का। वे गुरूवार को बाबा पीठ कर्णपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित को अपने जीवन की सार्थकता को प्राप्त करने के लिए श्री सुकदेव मुनि जी ने भागवत कथा का श्रवण द्वापर युग के अंत में कराया था। उस समय से आज तक श्रीमद भागवत कथा का परायण एवं कथा का विश्लेषण अपने भारतवर्ष में लगातार हो रहा है। जब तक देश में अध्यात्मिकता ओतप्रोत था तब उस समय घरों में ताले नहीं लगाए जाते थे। किसी प्रकार का व्यविचार नहीं होता था। भारत यात्रा पर आए चीनी यात्री फाह्यान ने अपनी भारत यात्रा के विषय में लिखा कि आध्यात्मिकता की वजह से आज भी भारत के घरों में ताले नहीं लगाए जाते हैं। जब से आध्यात्मिक जीवन का व्यक्तियों में ह्रास हुआ है तब से भारत में भ्रष्टाचार, व्यविचार बढ़ने लगा है। मनुष्य का मन पवित्र होगा तो स्वाभाविक रूप से भ्रष्टाचार और व्यभिचार पर लगाम लगेगा। कहा कि श्रीमद भागवत कथा के माध्यम से लोगों में अध्यात्मिक चेतना का विकास करने हेतु बाबा पीठ कर्णपुर में श्रीमद भागवत कथा सप्ताह का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में पर्यावरण की सुरक्षा, माताओं का सम्मान, सामाजिक समरसता और नैतिक मूल्यों के संबंध में विशेष चर्चा होगी। भागवत का श्रवण करने से लोगों में अध्यात्मिक चेतना का विकास होगा इसलिए इस भागवत कथा का आयोजन बाबा पीठ कर्णपुर में कलश यात्रा से शुरू होकर 6 से 12 दिसंबर तक चलेगा। श्रीमद भागवत कथा का परायण सुबह 8:00 बजे से 1:00 बजे तक संस्कृत में होगा। तो वहीं 2:00 से 6:00 संध्या तक कथा पर प्रवचन का कार्यक्रम होगा। 13 दिसंबर को हवन कार्यक्रम के बाद भंडारा कार्यक्रम के साथ ही कार्यक्रम का समापन होगा। कथा का वाचन कथा व्यास आचार्य सुकदेव जी महाराज करेंगे। वहीं संस्कृत में कथा का परायण मणि रमन शास्त्री द्वारा किया जाएगा।

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