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PM Kisan Samman Nidhi: सुपौल में किसान सम्मान निधि योजना से हटे 6 हजार अपात्र लाभार्थियों के नाम

जिले में 6272 ऐसे किसानों को चिन्हित किया गया है जो अब तक गलत तरीके से लाभ ले रहे थे। ऐसे किसानों को विभाग ने अपात्र लाभुक घोषित करते हुए योजना के तहत मिलने वाली अगली किस्त पर रोक लगा दी है।

By Sunil KumarEdited By: Umesh KumarPublished: Fri, 16 Sep 2022 04:52 PM (IST)Updated: Sun, 18 Sep 2022 12:55 AM (IST)
पीएम किसान सम्मान निधि योजना e-KYC, फाइल फोटो

सुपौल, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi) से लाभान्वित किसानों के लिए सरकार ने e-KYC करना अनिवार्य क्या कर दिया कि गलत तरीके से योजना का लाभ ले रहे किसान पकड़ में आने लगे। जिले में 6272 ऐसे किसानों को चिन्हित किया गया है जो अब तक गलत तरीके से लाभ ले रहे थे। ऐसे किसानों को विभाग ने अपात्र लाभुक घोषित करते हुए योजना के तहत मिलने वाली अगली किस्त पर न सिर्फ रोक लगा दी है बल्कि योजना के तहत ली गई राशि को वापस करने का भी निर्देश जारी कर दिया है।

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इधर योजना का सुखद पहलू है कि e-KYC कराये जाने के मामले में जिला सूबे में पहले स्थान पर है। अब तक जिले के 92 फीसद किसानों ने केवाईसी करा ली है। हालांकि अब भी जिले में 20147 किसान e-KYC कराने से छूटे हुए हैं। बावजूद इस मामले में राज्य में सुपौल का स्थान पहला है।

दरअसल पीएम किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित किसानों के लिए सरकार ने e-KYC करना अनिवार्य कर दिया है, ताकि अपात्र लाभुकों को न सिर्फ चिन्हित किया जा सके, बल्कि ऐसे लाभुक जिनकी मृत्यु हो चुकी है उनके किस्त को रोका जा सके।

इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मियों को जिम्मेवारी सुनिश्चित की गई। यहां तक कि किसानों के बीच जन जागरूकता भी चलाई गई। जिसका फलाफल रहा कि e-KYC कराने में जिला ना सिर्फ पहले पायदान पर रहा बल्कि अपात्र लाभुकों की पहचान भी आसानी से होने लगी । विभाग का मानना है कि इस माह के अंत तक शेष बचे किसानों का भी e-KYC करा लिया जाएगा।

20147 किसानों ने अब तक नहीं कराया है e-KYC

अपात्र लाभुकों को योजना से हटाने के बाद जिले में 264452 किसान शेष रह गए हैं। इनमें से अब तक 244305 किसानों ने e-KYC करा लिया है। शेष बचे 20147 किसानों को अंतिम रूप से 30 सितंबर तक केवाईसी करा लेने को कहा गया है। जिले में अब तक जिन 20147 किसानों ने e-KYC नहीं कराया है। उनमें सबसे अधिक बसंतपुर प्रखंड के किसान शामिल हैं।

इस प्रखंड में पात्र लाभुकों की संख्या 37261 है। जिनमें से अब तक 32335 किसानों ने ही केवाईसी कराया है। शेष 5286 किसान अब तक e-KYC नहीं कराया है। जबकि e-KYC नहीं कराये जाने के मामले में मरौना का स्थान दूसरा है। इस प्रखंड के 3184 किसान e-KYC कराने से वंचित हैं। जबकि त्रिवेणीगंज प्रखंड इस मामले में तीसरे नंबर पर है। यहां के 3841 किसान अब भी केवाईसी नहीं करवाए हैं। वहीं दूसरी तरफ केवाईसी कराने में जिले का पिपरा प्रखंड सबसे अव्वल है। यहां के 23284 किसानों में से 22599 किसानों ने ईकेवाईसी करा लिये हैं। इस प्रखंड के महज 685 किसान ही केवाईसी करने से छूटे हुए हैं।

बसंतपुर में मिले सबसे अधिक अपात्र लाभुक

सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पाने वाले किसानों के लिए कुछ अर्हता तय कर रखी है। इसके तहत आयकर दाता ,पति पत्नी ,जनप्रतिनिधि, सरकारी कर्मी , आदि इस योजना के लिए पात्र नहीं होते हैं। लेकिन कुछ ऐसे किसान भी विभाग की आंखों में धूल झोंक कर अब तक इस योजना का लाभ उठाते रहे हैं। इधर जब विभाग ने ईकेवाईसी करना अनिवार्य कर दिया तो जिले में अब तक 6272 ऐसे किसान चिन्हित किए गए। ऐसे किसानों को चिन्हित करते हुए विभाग ने योजना से वंचित कर दिया है। विभाग ने जिन 6272 किसानों को अपात्र घोषित किया है उनमें सबसे अधिक बसंतपुर प्रखंड के किसान शामिल हैं। यहां 1006 लाभुकों को अपात्र माना गया है।

प्रखंड वार घोषित किए गए अपात्र लाभुकों की संख्या

बसंतपुर में 1006,  छातापुर में 688,  किशनपुर में 452, मरोना में 638,  निर्मली में 176, पिपरा में 633 प्रतापगंज में 215,  राघोपुर में 703, सरायगढ़ भपटियाही में109, सुपौल में 725, त्रिवेणीगंज में 927 अपात्र घोषित किये गए हैं। 


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