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आवश्यक ही नहीं बल्कि प्रतिष्ठा का प्रतीक है शौचालय

सुपौल। स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच से मुक्त भारत का निर्माण व सरकार के संकल्प क

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 07:28 PM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 07:28 PM (IST)
आवश्यक ही नहीं बल्कि प्रतिष्ठा का प्रतीक है शौचालय
आवश्यक ही नहीं बल्कि प्रतिष्ठा का प्रतीक है शौचालय

सुपौल। स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच से मुक्त भारत का निर्माण व सरकार के संकल्प को साकार करने के लिए अधिकारी एवं कर्मचारी ग्रामीण इलाकों में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। अधिकारी अपने प्रशासनिक अमले के साथ गांव व टोले-मुहल्लों में पहुँचकर कर आम-आवाम को प्रेरित कर रहे है। इसी कड़ी में सदर प्रखंड के हरदी पश्चिम पंचायत के वार्ड नंबर 11,14,व15 महादलित टोले में शुक्रवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी अनित कुमार व अन्य अधिकारियों ने पहुँचकर शौचालय के महत्व व स्वच्छता से लोगों को अवगत कराया। अविलंब शौचालय का निर्माण कर गांव को खुले में शौचमुक्त बनाने व गांव को साफ-सुथरा रखने की अधिकारियों ने अपील की। कहा कि आसपास साफ रहने से बीमारियों से बचाव होता है, शौचालय आवश्यक ही नहीं बल्कि प्रतिष्ठा का प्रतीक है। शौचालय निर्माण के लिए धन के खर्च की समस्या नहीं है। समस्या सोच परिवर्तन की है। शौचालय के आभाव में महिलाओं के साथ होने वाली कठिनाइयों पर पुरुषों से सवाल करते हुए कहा कि शौचालय नहीं होने से सबसे ज्यादा गर्भवती महिला,किशोरी,औरत, एवं वृद्ध को परेशानी होती है। लोगों ने इसी माह में वार्ड को ओडीएफ करने की बात कही। मौके पर प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी आशुतोष कुमार झा,बीपीएम जीविका,मुखिया रामचंद्र कामत,सामाजिक कार्यकर्ता मुन्ना चमन,सरपंच मनोहर साह, पंचायत सचिव दिनेश कुमार दिनकर,आलोक कुमार, हरिहर मंडल,सरयुग मंडल,बिमला देवी व सीएलटीएस कार्यकत्र्ता आदि मौजूद थे।

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