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कृषि विभाग ने खोली मशरूम की दुकान

सुपौल। मशरूम समेत अन्य जैविक फसलों को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि विभाग ने सोमवार

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 12:40 AM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 12:40 AM (IST)
कृषि विभाग ने खोली मशरूम की दुकान

सुपौल। मशरूम समेत अन्य जैविक फसलों को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि विभाग ने सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित गांधी मैदान के बगल में दुकान की शुरूआत की। विक्रय केंद्र का उद्घाटन उप विकास आयुक्त मुकेश कुमार सिन्हा, जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा, आत्मा निदेशक राजन बालन तथा जीविका के डीपीएम अमर शेखर पाठक ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन पश्चात डीडीसी ने कहा कि यहां आने वाले ग्राहकों को जैविक तरीके से उगाया गया खाद्यान्न तो दिया ही जाएगा साथ ही उत्पादन के संबंध में जानकारी भी दी जाएगी। इस दुकान की खासियत है कि नाम के लिए यह दुकान कृषि विभाग की है। लेकिन सारा काम किसान ही देखेंगे।

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पौष्टिक युक्त खाद्यान्नों की होगी बिक्री

इस दुकान के माध्यम से जो भी खाद्य पदार्थ बेचे जाएंगे वह पौष्टिकता से भरा होगा। खास कर सब्जियां तो पूर्ण जैविक मिलेंगी। इस दुकान पर मुख्य रूप से मशरूम और औषधीय पौधे की बिक्री की जाएगी। मशरूम उत्पादन से लेकर जैविक खेती व औषधीय पौधों की खेती को लेकर विभाग काफी गंभीर है। यहां के किसानों का झुकाव भी इस तरफ बढ़ चला है। इस अभियान को और अधिक गति मिले इसके लिए आवश्यक है कि मशरूम, जैविक उत्पादित सब्जी का न सिर्फ लोगों को आदत लग जाए, बल्कि वे स्वयं भी उत्पादन शुरू कर दें। वर्तमान समय में इन खाद्य पदार्थो का उत्पादन कर रहे किसानों को समुचित बाजार भी मिल जाएगा और दुकानों पर जानकारी हासिल कर आम लोग भी उत्पादन की ओर अग्रसर होंगे। खास कर जैविक विधि से खेती बढ़ावा मिलेगा जो आदमी और मिट्टी के सेहत के लिहाज से फायदेमंद होगा।

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किसानों के सहयोग से संचालित होगी दुकान

यह दुकान किसानों के सहयोग से संचालित की जा रही है।इसके लिए प्रगतिशील किसानों की एक समिति गठित की गई थी। इन समिति सदस्यों द्वारा मानक पर उत्पादित खाद्य पदार्थो की बिक्री इस दुकान के माध्यम से की जानी है। समिति में शामिल किसान स्वयं के उत्पादित फसल के साथ-साथ मानक पर आधारित उत्पादित फसल का क्रय कर इस दुकानों के माध्यम से बेचेंगे। दुकानों से होने वाली आय पर विभाग का पूर्ण नियंत्रण होगा। खर्च काट कर होने वाले लाभ का हिस्सा इन समिति के सदस्यों को भी दी जाएगी।


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