चलो गांव की ओर::::: किसानी पर निर्भर महेशपुर में नहीं है सिचाई की दुरुस्त व्यवस्था
आनंद गुप्ता पिपरा (सुपौल) 1956 में महेशपुर पंचायत अस्तित्व में आई। व्यवसाय के मामले में यहां
आनंद गुप्ता, पिपरा (सुपौल) : 1956 में महेशपुर पंचायत अस्तित्व में आई। व्यवसाय के मामले में यहां के लोग काफी सुदृढ़ हैं। गांव में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। बेहतर जलापूर्ति नहीं है। 7200 मतदाता वाली इस पंचायत की साक्षरता दर 60 फीसद के आसपास है। पंचायत की बड़ी आबादी खेती किसानी यानी कृषि पर निर्भर है। बावजूद सिचाई की व्यवस्था नहीं है। पंचायत में एक स्वास्थ्य उपकेंद्र रहने के बावजूद लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती है। ग्रामीणों के अनुसार चिकित्सक कभी नहीं आते हैं। यहां पंचायत सरकार भवन नहीं है। 1 उच्च विद्यालय, 4 प्राथमिक विद्यालय, 4 मध्य विद्यालय तथा 12 आंगनबाडी केंद्र पंचायत में हैं। पंचायत स्थित जीवछपुर में खेल के मैदान के लिए 2 एकड़ जमीन उपलब्ध हो चुकी है। विभिन्न चौक चौराहे पर 45 स्ट्रीट लाइट तथा सीसी कैमरे लगाए गए हैं। बरसात के मौसम में जल जमाव से लोगों को काफी समस्या होती है। जीवछपुर गांव स्थित संतो बाबा का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। शुक्रवार को चौपाल लगाकर विकास कार्यों पर चर्चा हो रही थी लोग अपनी राय दे रहे थे।
ग्रामीणों की राय
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फोटो-9 एसयूपी-3 मुखिया द्वारा हर स्तर पर सराहनीय कार्य कराए गए।पंचायत में लोगों की पीड़ा दूर करने की कोशिश की गई है। सरकारी स्तर पर जो भी योजनाएं संचालित हुई है उसमें पूरी तरह पारदर्शिता बरती गई है। समाज के सभी वर्गाें का सम्मान के साथ उनके उत्थान के लिए प्रयास किया गया है। भूपेंद्र चौधरी ---------------------------------
फोटो-9 एसयूपी-4
पारदर्शी तरीके से पंचायत में विकास कार्यों का संचालन कराया जा रहा है। लोगों ने मुखिया के हाथ में कमान देने से पहले काफी कुछ सपना देखा था जिसमें से अधिकांश पूरा होता दिख रहा है। उमेश कुमार -?-------------------------------
फोटो-9 एसयूपी-5 नल जल के तहत लगाया गया किया गया कनेक्शन हर घर तक नहीं पहुंच पाया है। जहां पहुंचा भी है वहां पानी ही नहीं निकलता है। राजेश कुमार साह ---------------------
फोटो-9 एसयूपी-6 आंगनबाडी केंद्रों पर बच्चों व गर्भवती महिलाओं को सुविधा नहीं मिलती है। स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत दयनीय है। जलनिकासी एवं सिचाई व्यवस्था सु²ढ़ होनी चाहिए।
भवेश ठाकुर
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फोटो-9 एसयूपी-7 पिछले पांच साल के दौरान गांव की तस्वीर बदली है। जो काम दशकों से नहीं हुए थे उसे पंचायत के मुखिया द्वारा पूरा किया गया है।
रामबिलास साह
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फोटो-9 एसयूपी-8 पंचायत में विकास दिख रहा है। परंतु रोजगार की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है, रोजगार की व्यवस्था के लिए ठोस प्रयास जरूरी है।
चंदेश्वरी पासवान
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फोटो-9 एसयूपी-9
शिक्षा व्यवस्था में सुधार के बिना पंचायत का विकास असंभव है। हर गांव में एक विवाह भवन का निर्माण हो ताकि शादी विवाह में अतिरिक्त खर्च से बचा जा सके।
पंकज यादव
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फोटो-9 एसयूपी-10 किसानों की आय बढ़ाने के लिए व्यवसाय आधारित कृषि यथा फल और सब्जियों की खेती हेतु प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
महावीर मेहता
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फोटो-9 एसयूपी-11 पंचायत के मुखिया ने सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास के साथ काम किया है। लोगों की परेशानी दूर करने का प्रयास किया गया।
गोपाल कुमार
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मुखिया का दावा
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पंचायत को विकास के पथ पर लाने के लिए अपने कार्यकाल में मैंने हर संभव प्रयास किया। जनता ने जिस विश्वास के साथ भरोसा जताया उसमें कहीं से भी कोर-कसर नहीं छोड़ी है। सड़क की समस्या खत्म हो चुकी है। खेतों तक पानी पहुंचे और पैदावार बढ़े अब वे इसके लिए भी वे प्रयासरत हैं। जो भी संसाधन मिला उसमे पंचायत के विकास कार्यों को सफल और पारदर्शी तरीके से करने का प्रयास किया। पंचायत के 800 वृद्धजनों, दिव्यांगजनों, विधवाओं को पेंशन योजना का लाभ दिलाया। पंचायत के विकास के साथ-साथ जो भी उनके पास आते उनकी मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहते है। मुख्यमंत्री गली-नली योजना के तहत गांव की अधिकांश कच्ची सड़कों को पक्कीकरण कराया। 150 गरीबों को प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया गया। 2700 मजदूरों को जॉब कार्ड बनाकर उन्हें रोजगार दिया गया। कबीर अंत्येष्टि के तहत 300 लाभुकों को 3-3 हजार की राशि दी गई। मनरेगा के तहत मवेशी शेड व सरकारी व निजी भूमि में पौधारोपण कराया गया। कचड़ा प्रबंधन के लिए 51 डस्टबिन लगाए गए। 2 पोखर का निर्माण तथा 2 पोखर का जीर्णोद्धार सहित पौधारोपण किया गया।
सविता जायसवाल, मुखिया