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नदी किनारे किया जाता है कचरा डंप

बाजार क्षेत्र के चिलौनी कतार नदी का किनारा कूड़ेदान में तब्दील हो गया है। बाजार क्षेत्र से आलू व्यापारी के द्वारा आलू छटाई के दौरान सड़े-गले आलू व उससे निकलने वाले आधे से ज्यादा कचरे को मचहा गांव जाने वाली डायवर्सन के किनारे डंप किया जा रहा है

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 08:00 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 06:36 AM (IST)
नदी किनारे किया जाता है कचरा डंप
नदी किनारे किया जाता है कचरा डंप

सुपौल। बाजार क्षेत्र के चिलौनी कतार नदी का किनारा कूड़ेदान में तब्दील हो गया है। बाजार क्षेत्र से आलू व्यापारी के द्वारा आलू छटाई के दौरान सड़े-गले आलू व उससे निकलने वाले आधे से ज्यादा कचरे को मचहा गांव जाने वाली डायवर्सन के किनारे डंप किया जा रहा है। इससे आसपास के लोगों को परेशानी तो हो ही रही है साथ ही पानी भी प्रदूषित हो रहा है। एनएच 327 ई चिलौनी पुल के किनारे से लेकर मचहा गांव जाने वाली डायवर्सन तक बाजार का आधा कचरा डंप किया जाता है। सालों से जमे कचरे के चलते आसपास के मोहल्लों में महामारी का खतरा मंडराने लगा है।

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पर्यावरण को खतरा

प्रखंड क्षेत्र में पड़ने वाले चिलौनी नदी का भू भाग पूरी तरह से समाप्त हो रहा है। पूरा क्षेत्र कचरों से अटा-पटा रहने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसा प्रतिदिन बाजार का कचरा डंप करने के कारण हो रहा है। नदी कचरे में परिवर्तित होती जा रही है। इससे सर्वाधिक क्षति नदी किनारे बसे लोगों को हो रही है।


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