मांगों के समर्थन में उग्र हुई सेविका, किया चक्का जाम
सुपौल। विगत 1 माह से अधिक से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत सेविका-सहायिका का अब सब्र टूट
सुपौल। विगत 1 माह से अधिक से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत सेविका-सहायिका का अब सब्र टूटने लगा है। आंदोलन के एक माह बीत जाने के बावजूद सरकार इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रही नतीजा है कि अब सेविका-सहायिका उग्र आंदोलन के मूड में है। बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति सुपौल द्वारा चक्का जाम का आयोजन कर केंद्र व राज्य सरकार का विरोध जताया गया। घोषित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को सेविका-सहायिका स्थानीय लोहिया नगर चौक पर एकत्रित हुई और जमकर नारेबाजी करते हुए चक्का जाम कर सड़क पर ही धरने पर बैठ गई। धरना पर बैठी सेविका-सहायिका का कहना था कि अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर वे लोग 1 महीने से अधिक से आंदोलनरत है। ¨कतु सरकार पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है। सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सेविका-सहायिका को वेतनमान, महंगाई पर रोक, आंगनबाड़ी केंद्र के निजीकरण पर रोक, विभागीय कार्य के अलावा अतिरिक्त कार्यों के लिए सेविकाओं को बाध्य नहीं करना उनकी जायज मांगे हैं। उनकी मांगें सरकार को माननी ही चाहिए। सेविका-सहायिका ने कहा कि इस पर भी अगर सरकार मुखर नहीं होती है तो वे सभी आंदोलन को और तेज करेंगे। सदर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने आंदोलन स्थल पर पहुंचकर सेविकाओं को आश्वासन दिया और कहा कि उनकी मांगों को वे सरकार तक पहुंचाएंगे। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के आश्वासन उपरांत सेविका-सहायिका ने अपना चक्का जाम आंदोलन समाप्त किया। मौके पर संघ के राज्य अध्यक्ष सोनी कुमारी, जिलाध्यक्ष बीबी शाहनाज प्रवीण, ज्योति कुमारी, मीरा देवी, मंजू अरुणा, नीलम देवी, देवनारायण मंडल, भूपेंद्र नारायण यादव सहित सैकड़ों की संख्या में सेविका-सहायिका मौजूद थे।