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छलांग लगा रहा कोरोना, सौ के पार हुआ एक्टिव केस

--अब तक जिले में 5 लाख 54 हजार 286 सैंपल लिए गए हैं जिसमें से 5662 कोरोना पॉजिटिव पाए गए ज

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 05:55 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 05:55 PM (IST)
छलांग लगा रहा कोरोना, सौ के पार हुआ एक्टिव केस

--अब तक जिले में 5 लाख 54 हजार 286 सैंपल लिए गए हैं, जिसमें से 5662 कोरोना पॉजिटिव पाए गए

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जागरण संवाददाता, सुपौल: जिले में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा अब काफी तेजी से बढ़ रहा है। रविवार तक जो एक्टिव केस 83 पर टिका था वह बढ़ कर सौ के पार हो गया है। सोमवार को एक्टिव केस की संख्या 104 थी। वहीं रविवार को 16 कोरोना मरीज पाये गए थे लेकिन दूसरे दिन यानि सोमवार को छलांग लगाते हुए दोगुणा से अधिक संख्या में कोरोना के मरीज पाये गए। सोमवार को चौबीस घंटे में 37 मरीज पाये गए। ये मरीज सुपौल प्रखंड में 12, राघोपुर प्रखंड में 4, छातापुर प्रखंड में 2, सरायगढ़-भपटियाही में 2, बसंतपुर प्रखंड में 2, निर्मली प्रखंड में 9, प्रतापगंज में 2, पिपरा प्रखंड में 3 तथा किसनपुर प्रखंड में 1 की संख्या में पाये गए हैं। मालूम हो कि अब तक इस जिले में 5 लाख 54 हजार 286 सैंपल लिए गए हैं, जिसमें से 5662 कोरोना पोजेटिव पाए गए। इसमें से 5545 को डिस्चार्ज किया गया है। वहीं 4014 रिपोर्ट पेंडिग है।

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मास्क और सोशल डिस्टेंसिग है कारगर हथियार

दिनानुदिन बढ़ते कोरोना के आंकड़े बता रहे हैं कि इसकी दूसरी लहर के रूप में खतरा मजबूत होकर लौटा है। जबकि लोग इसे हल्के में लेने की भूल कर रहे हैं। संक्रमण से बचाव के लिए इंतजाम धरातल पर दम तोड़ रहा है। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिग कारगर हथियार है। इसको ले जिस प्रकार अभियान चलना चाहिए था, वैसा नहीं चल रहा है। यदि अभी भी नहीं संभले तो आगामी दिनों में बेहद घातक परिणाम के सामने आने से इंकार नहीं किया जा सकता। जिस तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उस तेजी से बचाव के इंतजाम नहीं हो रहे हैं। लोग भी इसे हल्के में ले रहे हैं।

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गाइडलाइन के टूट रहे कायदे-कानून

कोरोना के बढ़ते मामले के बीच शहर में उतनी सख्ती नहीं बरती जा रही है जितनी मौजूदा समय में होनी चाहिए। सोमवार को जिला मुख्यालय में हाट लगती है जहां लोगों की भीड़ लगी रहती है। ऐसी जगहों पर कोई पाबंदी नहीं देखी गई। मंगलवार को तो सुपौल बाजार में कोरोना गाइडलाइन के सभी कायदे-कानून टूटते दिखाई दिए। पुलिस-प्रशासन का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिखाई पड़ा। कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। मालूम हो कि लोगों की जागरूकता से ही कोरोना की जंग लड़ी जा सकती है। लोगों में जागरूकता आये इसके लिए पंचायतों में प्रचार-प्रसार के लिए ई-रिक्शा भेजने का निर्णय लिया गया था लेकिन अब तक इस दिशा में कागजी घोड़ा ही दौड़ाया जा रहा है।


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