गुरु के प्रति समर्पण का भाव प्रदर्शित करने के लिए होती है गुरु पूजा
जागरण संवाददाता सुपौल राष्ट्र रक्षा के लिए बाबा पीठ काली धाम भारत माता मंदिर में काली दुगे
जागरण संवाददाता, सुपौल: राष्ट्र रक्षा के लिए बाबा पीठ काली धाम भारत माता मंदिर में काली दुर्गे राधे श्याम, गौरी शंकर सीतराम के मंत्र से अष्टयाम-भजन सह कीर्तन कार्यक्रम हुआ। जिसके बाद विश्व हिदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित जीवेशर मिश्र की उपस्थित में व्यास पूर्णिमा के अवसर पर गुरु पूजन कार्यक्रम हुआ। उसमें जनहित और देश हित के संदर्भ में विस्तार से व्याख्या हुई। कोरोना काल में आम जनमानस किस तरह इस वैश्विक महामारी से निपटे जिस पर स्वच्छता को लेकर भी चर्चा हुई। इस मौके पर पंडित जीवेश्वर मिश्र ने कहा कि भारत एक आध्यात्मिक राष्ट्र है। इसलिए आध्यात्मिक पथ पर चलते हुए प्रत्येक व्यक्ति आत्मनिर्भर बने इसका संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विशेष परिस्थिति में प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवनशैली में परिवर्तन करना होगा। अपने कार्यो के विषय में पुनर्विचार करना होगा, अपने सामूहिक परिवार की कल्पना की अवधारणा को पुष्ट करना होगा। उन्होंने गुरुपूर्णिमा की महत्ता बताते हुए कहा कि आचार्य शिक्षक के प्रति समर्पण का भाव प्रदर्शित करने के लिए गुरु पूजा का आयोजन होता है। गुरु अपने आचरण से शिक्षा प्रदान करते हैं। परंपरागत शास्त्रों के अधिकारी वहीं होते हैं जो गुरु शिष्य परंपरा में आस्था रखते हैं। बाबा पीठ में आयोजित कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिग का बखूबी पालन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से साधक वीरेंद्र जी, साधक साधनानंद जी, साधक अजित पाठक, साधक कृत्यानंद झा, साधक संजय झा, साधक चंद्रकांत झा सहित सैकड़ों शिष्य उपस्थित रहे।