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कुसहा-त्रासदी में बही सड़क का अब तक निदान नहीं

संवाद सूत्र, प्रतापगंज(सुपौल): हर गाव को पक्की सड़क से जोड़ने व गाव के चहुंमुखी विकास की सरक

By Edited By: Published: Fri, 26 Aug 2016 07:16 PM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2016 07:16 PM (IST)
कुसहा-त्रासदी में बही सड़क का अब तक निदान नहीं

संवाद सूत्र, प्रतापगंज(सुपौल):

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हर गाव को पक्की सड़क से जोड़ने व गाव के चहुंमुखी विकास की सरकारी

नीति के बावजूद आज भी अछूता है प्रखंड के तेकुना पंचायत का इमामपट्टी

गाव। नीति के तहत नई-नई सड़कें बनाई जा रही है। पुरानी सड़कों में

भी सुधार के साथ-साथ दूर-दराज के क्षेत्रों को पक्की सड़कों से जोड़ने के लिए सरकार कटिबद्ध है। लेकिन एक अदद सड़क मार्ग के अभाव में महादलित एवं आदिवासी समाज की एक बड़ी आबादी वाले उक्त गाव में रहने वाले सैकड़ों परिवारों की स्थिति सरकारी विकास के हर दावों को मुंह

चिढ़ाने को काफी है। इमामपट्टी गाव का सूरतेहाल तेकुना पंचायत के वार्ड नंबर 9 स्थित इमामपट्टी गाव के लोगों के समक्ष आज के विकास के दौर में भी आगे कुंआ तो पीछे खाई वाली स्थिति चरितार्थ है। उक्त गाव दो टोलों में विभक्त है। पुबरिया इमामपट्टी टोला एवं पछवरिया इमामपट्टी टोला। पछबरिया टोला कीचड़ के टापू से घिरा है, तो पुबरिया टोला पानी के टापू से घिरा हुआ है। पछबरिया टोला के टापू तो तीन चार महीने बाद सूख भी जाते हैं। लेकिन पुबरिया टोलावासियों की स्थिति तो इतनी भयावह है कि साल के छह माह ही वे सायकिल की सवारी कर पाते हैं। कच्ची सड़क भी है, फि र भी स्थिति ऐसी है कि पैदल ही उक्त टोलावासियों को महज ढ़ाई किलोमीटर पर अवस्थित एक मात्र प्रतापगंज बाजार तक जगह-जगह पानी को पार कर आने में दो से तीन घटे का समय लग जाता है। उक्त कच्ची सड़क मार्ग को पहले एक जगह वर्ष 2008 के कुसहा-त्रासदी ने ही ध्वस्त कर दिया था। जिसका कोई आज तक ठोस पहल नहीं किया जा सका। फिर पास में ही स्थित मिरचईया नदी के जगह-जगह ध्वस्त बाध से फैले पानी उक्त कच्ची सड़क को हर वर्ष ध्वस्त करता आ रहा है। नारकीय जीवन जीने से आजिज गाव वासियों ने कई बार आन्दोलन भी किया है। लेकिन सम्बन्धित पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के द्वारा आज तक स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की जा सकी। उक्त मार्ग की अपनी पहचान रही है। प्रतापगंज के मुख्य गोल चौराहे से पूरब से जाने वाली सड़क मार्ग कई दशक पूर्व व्यवसायिक बाजार फारबिसगंज तक बैलगाड़ी व ट्रैक्टर से क्रय एवं विक्रय

माल को लाने ले जाने का प्रमुख मार्ग हुआ करता था। लेकिन धीरे-धीरे

फारबिसगंज जाने के अन्य दिशा से पक्की सड़क मार्ग के बनते ही यह मार्ग ही नहीं मार्ग के किनारे बसे अन्य टोले-मोहल्ले की दशा उपेक्षित सी पड़ गयी है। तब से लेकर आज तक पक्की सड़क के न बन पाने का खमियाजा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जबकि उक्त मार्ग के पक्कीकरण हो जाने से छातापुर प्रखंड के मधुबनी, उधमपुर, लालपुर, जीबछपुर आदि पंचायतों की न सिर्फ दूरी कम हो जाएगी। बल्कि उन पंचायतों का नजदीकी मुख्य बाजार भी

प्रतापगंज हो जाएगा। साथ ही उक्त मार्ग में पड़ने वाले लोगों को भी

शिक्षा,स्वास्थ्य आदि अन्य सरकारी विकासात्मक कार्यो का लाभ भी सुलभता से प्राप्त होने लगेगा।


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