बेरोजगार हुई नाच पार्टियां, परदेश की पकड़ी राह
-कोविड-19 के कारण मेले पर लगी रोक नहीं हुई बुकिग -दो-तीन दिन के कार्यक्रम के मिलते
-कोविड-19 के कारण मेले पर लगी रोक, नहीं हुई बुकिग
-दो-तीन दिन के कार्यक्रम के मिलते थे एक लाख से अधिक
विमल भारती, सरायगढ़ (सुपौल) : हिदुओं का महत्वपूर्ण पर्व दशहरा में इस बार मेला लगाने पर प्रतिबंध लगते ही क्षेत्र की नाच पार्टियां बेरोजगार हो गई। बेरोजगारी को दूर करने के लिए नाट पार्टियों से जुड़े लोग इस बार परदेश की राह पकड़ चुके हैं। शहर से लेकर गांव तक दशहरा मेला में जगह-जगह नाच का कार्यक्रम होता था। मेला में भीड़ जमा करने का यह एक बहुत बड़ा जरिया था। इससे पूर्व मेला में भीड़ जुटाने के लिए दूर-दूर से नाच पार्टियों को मंगाया जाता था। इसके लिए अग्रिम बुकिग होती थी। पिछले कुछ वर्षों में 2 से 3 दिन के कार्यक्रम के लिए एक लाख से अधिक की राशि अदा करनी पड़ती थी। इस बार उसके और बढ़ने की संभावना थी लेकिन कोविड-19 के संक्रमण को लेकर जब से लॉकडाउन शुरू हुआ उसी समय से ये पार्टियां बेरोजगारी की मार झेलने लगी। अब जबकि लॉकडाउन हट चुका है और दशहरा मेला नजदीक है तब इन पार्टियों की उम्मीदें जग गई थी लेकिन जैसे ही सरकार ने मेला पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की तो महीनों से इंतजार में बैठे इन पार्टियों के सदस्य परदेश की राह पकड़ चुके हैं। कुछ नाच कंपनी के मालिक ने बताया कि मेला लगाने में प्रतिबंध के कारण उन सब के पास कोई ऑफर नहीं आया जिससे भारी निराशा हुई है। बताया कि विवशता में नाच पार्टी के सदस्य बाहर पलायन कर गए।