अपराध की घटनाओं से लोगों में दहशत
सुपौल। नेपाल से सटा सीमावर्ती जिला सुपौल मूलत शांति की धरती मानी जाती है। सामाजिक बनावट और स
सुपौल। नेपाल से सटा सीमावर्ती जिला सुपौल मूलत शांति की धरती मानी जाती है। सामाजिक बनावट और संस्कृति ऐसी रही कि यहां कभी अपराध के पौध नहीं खिल पाए। लेकिन हाल के महीनों में ऐसा महसूस किया जा रहा है कि यहां भी अब अपराध की धमक होने लगी है। हालांकि कई मामले में पुलिस की तत्परता की वजह से मामले का निष्पादन कर लिया गया और अपराधी गिरफ्तार कर लिए गए। बावजूद यहां के लोग यह सोचने को मजबूर हो रहे हैं कि कहीं इस इलाके को किसी की नजर तो नहीं लग गई। वजह भी है कि एक महीने के अंदर घटी चार घटनाओं में से दो हत्या तो एक हत्या का प्रयास का मामला है तो एक अपहरण का मामला शामिल है।
केस स्टडी-1
लगभग एक माह पूर्व सदर थाना क्षेत्र के सुखपुर गांव स्थित एक बगीचे में एक किशोरी की हत्या कर दी गई। किशोरी की बहन के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें संदेह के आधार पर एक को नामजद करते अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया। आवेदन के अनुसार खुशबू का बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई है।
केस स्टडी-2
30 मार्च की रात जिले के किसनपुर प्रखंड के पूर्व प्रमुख सुनीता देवी के पति व पूर्व पंचायत समिति सदस्य सूर्य नारायण प्रसाद को अपराधियों ने गोली मार दी। घटना के समय श्री प्रसाद किसनपुर से सुपौल आ रहे थे। श्री प्रसाद जब अकेले मोटर साइकिल से सुपौल के लिए चले तो एक अन्य मोटरसाइकिल पर सवार दो व्यक्ति द्वारा किसनपुर चौक स्थित गोलंबर से ही उनका पीछा किया जाने लगा। आइडीबीआइ बैंक के समीप मौका देख उन दोनों ने श्री प्रसाद को धक्का दे मोटरसाइकिल से नीचे गिरा दिया और उन पर गोली चला दी।
केस स्टडी-3
17 अप्रैल को जिला मुख्यालय में फर्नीचर व्यवसायी को दिनदहाड़े गोली मार हत्या कर दी गई। घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारा फरार हो गया। लोग सड़क पर उतरे। वहीं पुलिस ने भी तत्परता दिखाई और हत्यारा गिरफ्तार कर लिया गया।
केस स्टडी-4
21 अप्रैल को दिन-दहाड़े जिला मुख्यालय के बीच बाजार से एक स्कूली छात्र का अपहरण कर लिया गया। घटना को लेकर हरकत में आयी पुलिस ने न सिर्फ अपहृत छात्र को बरामद कर लिया। बल्कि अपहरण में शामिल अपराधी को भी पुलिस ने चिन्हित कर एक को अपने कब्जे में कर लिया।