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सरसों के फूल देख नाच रहा किसानों का मन मयूर

सुपौल। कभी बाढ़ की विभीषिका तो कभी सुखाड़ की मार से परेशान जिले के किसानों के चेहरे

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 12:48 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 12:48 AM (IST)
सरसों के फूल देख नाच रहा किसानों का मन मयूर
सरसों के फूल देख नाच रहा किसानों का मन मयूर

सुपौल। कभी बाढ़ की विभीषिका तो कभी सुखाड़ की मार से परेशान जिले के किसानों के चेहरे पर अन्य सालों की अपेक्षा इस साल अधिक खिले हुए हैं। वजह इस साल प्रकृति ने किसानों का भरपूर साथ दिया है। जिससे रबी फसल इस साल खिली हुई है। गेहूं के साथ सरसों की फसल हरियाली के साथ पीले फूलों से लदी हुई है। जिसे देख किसान खुशी से झूम उठे हैं। किसानों का कहना है कि रबी मौसम में शामिल तेलहन इस बार पिछले कई वर्षो की अपेक्षा काफी अच्छी है। यदि आगे सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इस बार तेलहन की पैदावार पिछले कई सालों के रिकार्ड को तोड़ देगी। किसान सरसों की हरियाली व पौधे में लगे फूल को देख गदगद हैं। रबी मौसम ने दिया भरपूर साथ किसानी में मौसम की दगाबाजी से परेशान किसानों के लिए इस बार रबी के वक्त मौसम ने भरपूर सहयोग दिया। किसानों का कहना है कि मौसम के साफ व धूप खिले रहने के कारण खेती अगता किया। अनुकूल धूप रहने के कारण खेतों की तैयारी करने में भी आसानी हुई। जिससे फसल समय पर बोया जा सका। अक्सर रबी की बुआई समय धूप खिले नहीं होने के कारण खेतों की तैयारी करने में किसानों को काफी वक्त लगा था। जिससे फसलों की एक तो ससमय बुआई नहीं हो पाती है और उगने वाले पौधों में कई तरह की बीमारियों का भी प्रकोप बढ़ जाता है। परन्तु इस बार रबी के लिए मौसम अनुकूल रहा जिससे समय पर बुआई भी हो गई और ¨सचाई भी। तेलहन फसल का बढ़ा है क्षेत्रफल इसे अनुकूल मौसम का परिणाम कहें या फिर रबी फसल के प्रति किसानों का झुकाव। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष तेलहन फसल का रकवा बढ़ा हुआ है। कृषि विभाग से मिली जानकारी अनुसार पिछले वर्ष जहां जिले में तेलहन का रकवा डेढ़ हजार हेक्टेयर में था। वहीं इस बार बढ़ा कर लगभग तीन हजार हेक्टेयर में किया गया है। विभाग की मानें तो इस बार रबी फसल अन्य वर्षो की अपेक्षा काफी अच्छी है। खासकर तेलहन की फसल काफी अच्छी है। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो उनका कहना है कि जिस प्रकार का मौसम है यदि ऐसा रहा तो लाही रोग कीट का प्रकोप की संभावना नहीं हो सकती है। क्या कहते हैं किसान पिपरा के धर्मपाल मंडल, शिव नारायण मंडल, लक्ष्मण साह का कहना है कि कई सालों के बाद सरसों में यह फूल देखने को मिल रहा है। फिलहाल वे लोग लाही रोग को लेकर भी सचेत हैं। इन लोगों का कहना है कि इस बार रबी फसल की बोआई समय पर किया। मौसम ठीक रहने के कारण समय से ¨सचाई भी किया। फसल अच्छी है पैदावार होगी ही।

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