Move to Jagran APP

पांच साल यह हाल : 12 साल बाद भी नहीं बना पुल

मिथिलेश कुमार झा वीरपुर (सुपौल) कुसहा त्रासदी के 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी बसंतपुर प्रखं

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 11:39 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 11:39 PM (IST)
पांच साल यह हाल : 12 साल बाद भी नहीं बना पुल

मिथिलेश कुमार झा, वीरपुर (सुपौल) : कुसहा त्रासदी के 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी बसंतपुर प्रखंड के पूर्वी भाग के लोग आज भी चचरी के सहारे ही चलने को मजबूर हैं। मालूम हो कि बसंतपुर अमृत चौक से निजाम चौक तक जाने वाली सड़क मोहनपुर, भगवानपुर, कोचगामा एवं शंकरपुर आदि गांवों के लिए लाइफ लाइन मानी जाती है। अमृत चौक से लगभग डेढ़ किलोमीटर पूरब जाने पर हहिया धार है। जिसमें नहर के पानी को धार में अंडर ग्राउंड सायफन बनाकर इस तरफ से उस तरफ ले जाया जाता है। 2008 की कुसहा त्रासदी से पूर्व इस धार पर पुल बना हुआ था। जिस पर होकर लोग आवागमन करते थे। 2008 की बाढ़ में यह ध्वस्त हो गया। लोगों का आवागमन बंद हो गया। पूर्वी भाग के लोगों को अनुमंडल कार्यालय, प्रखंड कार्यालय और उपकारा आने के लिए लगभग 8 से 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। जबकि उक्त कटान से इन कार्यालयों की दूरी महज 800 से 900 मीटर की है। सबसे अधिक परेशानियों का सामना तो मरीजों को करना पड़ता है। मोहनपुर निवासी मो रजाक, मो अकबर, मो मेहरुद्दीन, मो रईस, बाबू लाल सादा, बालेश्वर सादा, मकसूदन मेहता, कोचगामा निवासी लाल मुखिया, मो युसुफ, मो मुर्तुजा सहित अन्य लोगों ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा चचरी का निर्माण कर आवागमन को बहाल किया गया है लेकिन मरीजों को लेकर जाने में काफी दूरी तय करनी पड़ती है। चुकी यहां एक मात्र अस्पताल ललित नारायण अस्पताल वीरपुर है। इस पुल के निर्माण से एक बड़ी आबादी का कल्याण होगा परंतु इस दिशा में किसी का भी ध्यान नहीं है। कुसहा त्रासदी बाद कोसी के इलाके को बेहतर बनाने के वादे हुए लेकिन वे ढाक के तीन पात ही साबित हुए।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.