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डगमारा विद्युत परियोजना की स्वीकृति पर जदयू कार्यकर्ताओं में खुशी

सरायगढ़-भपटियाही अंतर्गत कोसी पूर्वी तटबंध के 31 किलोमीटर समीप से दिघिया दुधैला गांव तक कोसी नदी में डगमारा जल विद्युत परियोजना की स्वीकृति पर जदयू नेताओं तथा कार्यकर्ताओं में खुशी व्याप्त है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 10:15 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 10:15 PM (IST)
डगमारा विद्युत परियोजना की स्वीकृति पर जदयू कार्यकर्ताओं में खुशी
डगमारा विद्युत परियोजना की स्वीकृति पर जदयू कार्यकर्ताओं में खुशी

सुपौल। सरायगढ़-भपटियाही अंतर्गत कोसी पूर्वी तटबंध के 31 किलोमीटर समीप से दिघिया दुधैला गांव तक कोसी नदी में डगमारा जल विद्युत परियोजना की स्वीकृति पर जदयू नेताओं तथा कार्यकर्ताओं में खुशी व्याप्त है। पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने इसके लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, निर्मली विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव को इसके लिए बधाई दी है।जदयू प्रखंड अध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष विजय कुमार यादव, मनोज यादव, कपिलेश्वर साह, हरदेव प्रसाद यादव, मु अफजल, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ प्रखंड अध्यक्ष मु. फरमूद आलम, किसान प्रकोष्ठ प्रखंड अध्यक्ष शिवराम यादव, रामचंद्र मंडल, उपेंद्र शर्मा, विजेंद्र मंडल, शंभू प्रसाद सिंह, लाल बहादुर मेहता, शिवनंदन मुखिया, दयाराम मंडल, मोहन झा, सूर्यनारायण मेहता, नंदलाल मुखिया, बलराम मंडल, उमेश मंडल, अजय कुमार यादव, सत्य नारायण यादव, शिवनारायण मेहता, प्रभाष कुमार, रामानंद राम, अशोक यादव, नबीबुल्लाह, कलीम उद्दीन, देवानंद सिंह, कामेश्वर सिंह आदि ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि डगमारा जल विद्युत परियोजना कोसी के इलाके के लिए वरदान साबित होगा। इसके बन जाने से लोगों के लाखों एकड़ खेत के भी उपजाऊ होने की संभावना है। बधाई संदेश में नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने कहा है कि परियोजना का काम पूरा होने के बाद सुपौल जिले में बार-बार होने वाले बाढ़ का खतरा भी खत्म हो सकता है।

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वहीं, पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस द्वारा पिछले दिनों अनुसूचित जाति के लिए अपमानजनक शब्द कहे जाने पर सोमवार को भाजपा जिलाध्यक्ष रामकुमार राय के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल जिला पदाधिकारी से मिलकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता द्वारा पश्चिम बंगाल के अनुसूचित जाति समुदाय को भिखारी कह कर अपमानित किया गया। यह बयान न सिर्फ पश्चिम बंगाल के अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अपमानित करने वाला है, बल्कि संपूर्ण देश के अनुसूचित जातियों के लिए आपत्तिजनक है। उसमें भी तब जब देश की संविधान में सभी नागरिकों को सामाजिक आर्थिक तथा व्यक्ति की गरिमा व सम्मान की रक्षा की भावना अंतर्निहित है। ऐसे में देश के संविधान किसी को भी अपमानित करने की इजाजत नहीं देती है। शिष्टमंडल में जिला महामंत्री मनोज कुमार सिंह, सरोज कुमार झा, परमानंद सिंह आदि शामिल थे।


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