Move to Jagran APP

बिहार में गायब हो गए 34 सरकारी दफ्तर, सरकार ने दिया आदेश-जल्दी ढूंढो कहां गए...

बिहार के सुपौल जिले में 34 सरकारी दफ्तर गायब हो गए हैं। आरटीआइ के खुलासे से हड़कंप मचा हुआ है। मामला ग्रामीण कार्य विभाग से संबंधित है। जानिए

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 04:16 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 10:49 PM (IST)
बिहार में गायब हो गए 34 सरकारी दफ्तर, सरकार ने दिया आदेश-जल्दी ढूंढो कहां गए...
बिहार में गायब हो गए 34 सरकारी दफ्तर, सरकार ने दिया आदेश-जल्दी ढूंढो कहां गए...

सुपौल, जेएनएन। बिहार के सुपौल जिले में 34 सरकारी कार्यालय धरातल से गायब हो गये हैं, लेकिन सरकारी बाबू जिनपर इन्हें धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी है, वही वषों से बेखबर बने हुए हैं। मामला ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यालय खोलने का है। इसमें सबसे खास बात यह कि इन लापता कार्यालयों के लिए कोषागार से हर महीने लाखों रुपए की निकासी भी हो रही है। अब मामला उजागर होने के बाद सरकार इन कार्यालयों को ढूंढने में लगी है। साथ ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की कवायद कर रही है।

loksabha election banner

मालूम हो कि बिहार सरकार ने एक संकल्प के माध्यम से 7 मार्च 2012 को निर्णय लेकर बिहार में कार्य बेहतरी के तहत नए कार्यालय खोलने का निर्णय लिया था। जिसके तहत जिले के तीन कार्यप्रमंडल,11 अवर प्रमंडल और 23 कार्य प्रशाखा खोलने का निर्णय लिया था और सचिव ने आदेश जारी किए।

इन कार्यालयों को 1 अप्रैल 2012 से ही अस्तित्व में आ जाना था। साथ ही सभी अभियंता को अपने अधीन कार्य संपादन करना था। उन्हें वेतन भी संबंधित इलाके के कोषागार से मिलना था। लेकिन अधिकारियों ने इस आदेश का तोड़ निकालते हुए 3 कार्यप्रमंडल, वीरपुर, सुपौल ,त्रिवेणीगंज में खोल दिया, लेकिन 11 कार्य अवर प्रमंडल और 23 कार्य प्रशाखा सात साल बाद भी लापता है।

इस मामले का खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता और भ्रष्टाचार जागरूकता अभियान से जुड़े अनिल कुमार सिंह ने

सूचना अधिकार से किया है।

इन प्रखंडों में खुलना था 23 प्रशाखा कार्यालय

सुपौल प्रखंड- 3

किशनपुर- 2

निर्मली- 1

मरौना- 2

बसंतपुर- 2

राघोपुर- 2

प्रतापगंज- 1

भपटियाही-2

छातापुर- 3

त्रिवेणीगंज-3

पिपरा- 2

ये है सरकार का आदेश

बिहार सरकार ग्रामीण कार्य विभाग ने संकल्प संख्या 4303 दिनांक 7 मार्च 2012 के द्वारा ग्रामीण कार्य विभाग का पुनर्गठन एवं उसके अधीन कार्यरत कार्य अंचल,प्रमंडल ,अवर प्रमंडल और प्रशाखा के बीच भौगोलिक रूप से कार्यक्षेत्र का बंटवारा करने का आदेश जारी किया था।

आदेश में स्पष्ट है कि सभी नवसृजित कार्यालय 1 अप्रैल 2012 से अस्तित्व में आ जायेंगे और अपने कार्यक्षेत्र के अधीन सभी कार्यो का संपादन उनके द्वारा किया जायेगा। जारी संकल्प में जिले में तीन कार्यप्रमंडल,11 कार्य अवर प्रमंडल और 23 कार्य प्रशाखा खोलना था।

क्या है मामला

आरटीआई कार्यकर्ता सह भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान सुपौल के अनिल कुमार सिंह ने जिला लोकशिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष परिवाद दायर कर 7 साल से धरातल से लापता कार्यालय को खोजने और इसमें संलिप्त दोषी पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। जिला लोक शिकायत निवारण

पदाधिकारी ने परिवाद दर्ज कर सुनवाई शुरू कर दी है। जिससे संबंधित अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.