ग्राहक हो रहे घटतौल का शिकार
सुपौल। प्रशासनिक निगरानी के अभाव में आम उपभोक्ता घटतौल के शिकार हो रहे हैं। खास कर दुकानों में प्रयो
सुपौल। प्रशासनिक निगरानी के अभाव में आम उपभोक्ता घटतौल के शिकार हो रहे हैं। खास कर दुकानों में प्रयोग में लाये जा रहे मापक बाट निर्दिष्ट वजन पर खड़ा नहीं उतर रहा है और ग्राहकों को ठगी का शिकार होना पड़ रहा है। आम तौर पर खरीदारी के लिए पहुंचने वाले ग्राहक तराजू पर चढ़ाए गये बाट को देख कर संतुष्ट हो जाते हैं जबकि वजन के हिसाब से चुकाए गये मूल्य के समानातर उन्हें सामग्री नहीं मिल पा रही है। बाजार के विविध दुकानों के बाट का निरंतर निगरानी नहीं हो पाने का खामियाजा है कि अधिकाश व्यवसायी वर्षो पुराने बाट का उपयोग करते आ रहे हैं। ज्यादा
हूल हुज्जत करने पर ग्राहक को बाट पर आईएसआई मार्का दिखा कर संतुष्ट हो जाने के लिए बाध्य किया जाता है और अधिक बातें बनाने पर अन्य दुकानों से सामान खरीद करने की सलाह देकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। एक तो बाजार में नकली सामग्रियों की भरमार उपर से घटतौल ने इस भरी महंगाई में आम उपभोक्ताओं को जैसे तैसे जीवन यापन करते रहने की नियति दे रखी है। आम तौर पर ऐसा देखा जाता रहा है कि संबंधित विभाग के द्वारा नही के बराबर छापेमारी की जाती है और यदि गाहे बगाहे निरीक्षण भी होता है तो सब कुछ आसानी से निबट जाता है।