घटना के एक सप्ताह बाद भी दोषी पर नहीं हुई कार्रवाई
सुपौल। बच्चों के भोजन में जहर मिलाने वाले प्रधान के विरुद्ध आखिर क्या कर रहा है विभाग। घटना के एक सप
सुपौल। बच्चों के भोजन में जहर मिलाने वाले प्रधान के विरुद्ध आखिर क्या कर रहा है विभाग। घटना के एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद न तो दोषी प्रधान के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई हुई है और न तो कोई प्राथमिकी दर्ज ही हुई है। मामले को लेकर ग्रामीण जहां आंदोलित हो चले हैं। वहीं विभाग मामले के लीपापोती में मशगुल है। मामला मरौना प्रखंड के मध्य विद्यालय कमरैल से जुड़ा है। जहां विद्यालय प्रधान ने आपसी खुमस निकालने के चलते बच्चों के एमडीएम चावल में जहर मिलाया था। जहर मिलाये जाने की बात विभाग के जिला एमडीएम प्रभारी ने अपने जांच रिपोर्ट में प्रधान को दोषी ठहराते हुए उच्च पदाधिकारी को प्रधान के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ प्राथमिकी तक की जिक्र की थी। रिपोर्ट के एक सप्ताह बीतने को है कार्रवाई के नाम पर जहां बीईओ ने उच्च पदाधिकारी से मार्ग दर्शन मांगने की बात की है। वहीं उच्च पदाधिकारी मामले की लीपापोती करने में जुटी हुई है। परिणाम है कि दोषी प्रधान विभागीय कार्रवाई से बेफिक्र खुलेआम घुम रहा है। तो वहीं ग्रामीण समेत बच्चे सकते में हैं। जहां बच्चे जहर की डर से विद्यालय जाना छोड़ दिये हैं। वहीं एमडीएम खाने से भी बच्चे हिचक रहे हैं। सवाल उठता है कि यदि जहर मिला चावल का भोजन यदि बच्चों के बीच परोसा जाता, यदि बच्चे को कुछ हो जाता तो विभाग कार्रवाई करता। क्या विभाग के नजर में चावल में जहर मिलाने की पुष्टि होने के बाद भी कार्रवाई से हिचक रहे अधिकारी भीतर ही भीतर कौन सी गुल खिला रही है। ऐसा तो नहीं कि लक्ष्मी का खेल के चारों तरफ विभागीय कार्रवाई घूम रही है। आखिर बच्चे को कुछ हो ही जाता तब विभाग कार्रवाई करता।
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सवालों के घेरे में विभागीय कार्रवाई
सरकार ने बच्चों को शुद्ध व पोष्टिक एमडीएम मिले इसके देखरेख के लिए प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक अलग से अधिकारियों को पदस्थापित किया है। उक्त मामले में जिला एमडीएम प्रभारी ने ही स्थल पर जाकर जांच की तथा समर्पित जांच रिपोर्ट में प्रधान राम भरोसे सिंह व उनके पुत्र विजय कुमार सिंह को दोषी करार देते हुए उन पर निलंबन के साथ-साथ स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज करने का स्पष्ट आदेश दिया है। इधर बीईओ कार्रवाई से हिचकते हुए अपने उच्च पदाधिकारी से मार्ग दर्शन की बात की है। क्या जिला एमडीएम प्रभारी के आदेश का कोई मायने नहीं रखता है प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के लिए।
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-कोट
-जांच रिपोर्ट में प्रधान दोषी पाया गया है। विभागीय कार्रवाई तो निश्चित है। फिलहाल दोषी प्रधान का पक्ष जानने का प्रयास किया जा रहा है।
मो. जाहिद हुसैन
जिला शिक्षा पदाधिकारी, सुपौल