नहीं हो रहा समाधान शहर से लेकर गांव तक जाम
फोटो नंबर-22एसयूपी-9 जागरण संवाददाता, सुपौल : सड़कों के अतिक्रमण से जाम की समस्या बढ़ती जा रही है।
फोटो नंबर-22एसयूपी-9
जागरण संवाददाता, सुपौल : सड़कों के अतिक्रमण से जाम की समस्या बढ़ती जा रही है। शहर से लेकर गांव तक इस समस्या के आगोश में है। कई बार इसके समाधान की बात हुई, बैठकों का दौर चला, समय भी निर्धारित कर दिया गया लेकिन नतीजा फिर बेताल उसी डाल वाला है। नगर परिषद की बैठक में फुटपाथी दुकानदारों अलग-अलग जगह शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया, इसके लिए जगह भी निर्धारित कर दिया गया परंतु इसपर काम नहीं हुआ।
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छातापुर में समस्या है गंभीर
संवाद सूत्र, छातापुर(सुपौल): केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा के लिए सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। राष्ट्रीय एवं राजकीय राजमार्गों के विस्तार के अलावा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार की आबादी वाले तमाम गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए सरकार संकल्पित है। इन कार्यों के लिये करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं परंतु इन सड़कों पर लगातार बढ़ रहे अतिक्रमण की वजह से आम लोगों के लिए सुलभ व सुरक्षित आवागमन आसान नहीं रह गया है। मुख्यालय की लाइफ लाइन माने जाने वाले जदिया बलुआ पथ को वीरपुर-बिहपुर एनएच में समाहित कर सड़क निर्माण का कार्य कराया गया। सड़क पहले से काफी ऊंची औऱ चौड़ी हुई। सड़क बनने से वाहनों की तादाद काफी बढ़ गई और लोगों के लिये आवागमन सुलभ हुआ परंतु विभागीय उदासीनता के कारण सड़क निर्माण के साथ ही दोनों ओर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। सड़क पर यत्र-तत्र ऑटो खड़ा किए जाने से प्राय: जाम की समस्या आम हो चली है। इस दिशा में प्रशासन की उदासीनता के कारण लोगों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। सड़कों पर अतिक्रमण का दायरा लगातार बढ़ने की वजह से सड़कें सिकुड़ती दिखाई दे रही है। छातापुर पेट्रोल पंप से लेकर रजवारा पुल तक अतिक्रमण का साम्राज्य कायम है वहीं मुख्य बाजार भी इससे अछूता नहीं है। मुख्य बाजार समेत बस पड़ाव के आसपास प्राय: अतिक्रमण की वजह से घंटों जाम लगा रहता है और आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। कोसी कॉलोनी, हाईस्कूल चौक, बस पड़ाव के समीप यह समस्या गंभीर है।
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कहीं सड़क पर घर तो कहीं दलान
संवाद सूत्र, कटैया-निर्मली(सुपौल): मुख्य सड़क की बात कौन करे गांव की सड़कें भी अतिक्रमण का शिकार है। इससे आम लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो गांव की छोटी सड़क जिसकी चौड़ाई ही 9 से 10 फीट है और उसका भी लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। कहीं कोई सड़क को अतिक्रमण कर घर बनाए हुए है तो कहीं दलान बना रखा है तो कहीं लोगों के द्वारा जलावन, पुआल को सड़क से सटाकर रखने की परंपरा है। इतना ही नहीं सड़कों पर माल-मवेशी बांधना भी शान में शामिल है। करीब-करीब पिपरा प्रखंड के लगभग दर्जनों गांवों में यही स्थिति बनी हुई है जिससे हर आने-जाने वाले लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। निर्मली चौक से कटैया, बथनाहा होते रतौली जाने वाली मुख्य सड़क की स्थिति तो बिल्कुल दयनीय है। इस पथ पर कूड़ा का ढेर लगा हुआ है तथा जानवरों को बांध दिये जाने से बराबर दुर्घटना होती रहती है तथा वाहन चालकों की जान हमेशा सांसत में रहती है। गांवों में सड़क अतिक्रमण का शिकार होकर लगातार सिकुड़ती जा रही है। लोगों ने प्रशासन से अविलंब सड़क को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है।
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यहां पैदल चलने में भी परेशानी
संवाद सूत्र, किशनपुर(सुपौल) : प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजार में सड़क जाम में फंसना और निकलने के लिए लोगों का एक-दूसरे से उलझना अब आम बात हो गई है। सरायगढ़-सुपौल पथ हो, किशनपुर-थरबिटिया स्टेशन रोड हो या फिर किशनपुर-गणपतगंज पथ हो बाजार की सभी मुख्य सड़कें अतिक्रमण की चपेट में है। स्थिति यह है कि यहां की अधिकांश सड़कों के किनारे अतिक्रमण कर दुकानें लगाई जाती हैं। जिससे वाहनों की कौन कहे पैदल चलने वालों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। प्रत्येक दिन लगने वाले जाम से परेशान बाजारवासी बताते हैं समय के साथ सड़कें चौड़ी हुई अब सरायगढ़ सुपौल पथ टू लेन से फोर लेन मे तब्दील हो रहा है लेकिन तमाम सड़कें अतिक्रमण की शिकार हैं।