नहरों एवं माइनरों का हाल बेहाल, सफाई की उठने लगी मांग
लगातार हो रहे विकास में सुगम यातायात ही विकास का रास्ता माना जा रहा है। चुनाव में भी नेताओं द्वारा वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए सड़क के विकास की चर्चा कर लोगों का दिल जीतना चाहते हैं। लेकिन जिले का हृदय स्थली सिमराही बाजार पिछले कई वर्षों से जाम के झाम में फंसा
फोटो नंबर-21 एसयूपी-11
संवाद सूत्र, करजाईन बाजार(सुपौल): किसानों की तरक्की के लिए योजनाओं के बड़े-बड़े दावों के बीच आज भी समुचित सिचाई सुविधा इस क्षेत्र के किसानों को नहीं मिल पा रही है। मुख्य अभियंता सिचाई सृजन सहरसा के अधीन पड़ने वाली राजपुर शाखा एवं इनसे निकलने वाली मधेपुरा उपशाखा, गम्हरिया उपशाखा, सहरसा उपशाखा एवं सुपौल उपशाखा नहरों की सफाई नहीं होने से किसान निराश हैं। इन नहरों से गाद निकालने का कार्य शुरू नहीं होने से पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। क्षेत्र के किसानों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए बताया कि इन नहरों से कई माइनर एवं नहरी भी निकाली गई है। लेकिन इनकी भी हालत खस्ता है। वर्षों से इनकी समुचित सफाई नहीं हो पाई है। लेकिन बड़े-बड़े दावों के बीच किसानों की इस गंभीर समस्या की सुध लेने वाला कोई नहीं है। व्यवस्था की लापरवाही एवं उपेक्षा के चलते राजपुर शाखा एवं इससे निकलने वाली अन्य शाखा नहरों में क्षमता के अनुरूप पर्याप्त जलश्राव नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते क्षेत्र के हजारों किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। किसानों ने बताया कि सिचाई विभाग के कमांड एरिया होने के चलते किसानों को पटवन तो देना पड़ता है, लेकिन खेतों को पानी नसीब नहीं हो पाता है। इस समस्या के चलते किसानों को दोहरी आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है। किसानों ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए अविलंब नहरों एवं माइनरों की सफाई की मांग की है।