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विभागीय पेंच के चलते मृतप्राय बन कर रह गया उच्च विद्यालय

संवाद सूत्र किशनपुर(सुपौल) प्रखंड का मात्र एक प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय किशनपुर विभागीय उ

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 01:49 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 01:49 AM (IST)
विभागीय पेंच के चलते मृतप्राय बन कर रह गया उच्च विद्यालय
विभागीय पेंच के चलते मृतप्राय बन कर रह गया उच्च विद्यालय

संवाद सूत्र, किशनपुर(सुपौल): प्रखंड का मात्र एक प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय किशनपुर विभागीय उदासीनता के कारण आज मृतप्राय सा हो गया है। वर्ष 1984-85 में प्रो. राजेंद्र प्रसाद यादव ने अपने पूर्वज ढोढाय मंडल प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के नाम से प्रखंड मुख्यालय में डेढ़ बीघा जमीन मुहैया कर विद्यालय की स्थापना करवाई। जिसके बाद विद्यालय प्रबन्ध समिति द्वारा विद्यालय के लिए शिक्षक एवं कर्मी की नियुक्ति कर पठन-पाठन का कार्य शुरू किया गया। लेकिन विभागीय पेंच के चलते अधिक दिन तक वहां विद्यालय नहीं चल सका और विभागीय आदेश के बाद उच्च विद्यालय किशनपुर में ही प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय के नाम से संचालित हो गया। इस सम्बन्ध में विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद यादव ने बताया कि विद्यालय स्थापना के बाद सरकारी स्तर से लाखों रुपए खर्च कर प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय के नाम दो मंजिला भवन बनाया गया। जिसमें स्थानीय लोगों के अनुरोध पर शिक्षा विभाग की ओर से तमाम उपस्कर उपलब्ध कराया गया। इसके साथ ही साथ विद्यालय में नियुक्त शिक्षक द्वारा पठन-पाठन का कार्य शुरू किया गया। लेकिन विभागीय पेंच में फंसकर उक्त विद्यालय का पठन-पाठन बाधित हो गया। विद्यालय में कमिटी द्वारा बहाल शिक्षक को सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया। लेकिन सरकार द्वारा विद्यालय में कोई शिक्षक नहीं दिया गया। जहां वर्ष 1988 में उच्च विद्यालय किशनपुर में प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय के नाम से वर्ग संचालन शुरू किया गया। जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में प्रति वर्ष छात्राओं का नामांकन इस विद्यालय में होने लगा। जिससे प्रति वर्ष मैट्रिक परीक्षा में सैकड़ों छात्रा शामिल होने लगी। इधर विभागीय पेंच में फंस विद्यालय के नियुक्त शिक्षकों का भी भविष्य अधर में लटक गया। लाख प्रयास के बावजूद भी विद्यालय अपने वजूद में नहीं आ सका। जबकि अन्य जगहों के प्रोजेक्ट बालिका विद्यालय का सफल संचालन हो रहा है। बावजूद इस विद्यालय में छात्राओं के नामांकन वर्ष 2011 तक संचालित रहने के बाद भी निवर्तमान विद्यालय प्रधान परमेश्वर साह द्वारा प्रोजेक्ट कन्या विद्यालय में छात्राओं का नामांकन न कर उच्च माध्यमिक विद्यालय में करने लगा। जिससे उक्त विद्यालय के अस्तित्व पर संकट का बादल मंडराने लगा। इसके लिए स्थानीय विधायक यदुवंश कुमार यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में तीन मई 2016 को कोसी प्रमंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ सहरसा स्थित विकास भवन में हुई बैठक में प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में नये भवन में पढ़ाई शुरू करवाने का आग्रह किया था। जहां निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पत्रांक 15 दिनांक 03 जनवरी 18 द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी सुपौल के अनुसार किसनपुर प्रखंड के ढोढाई मंडल प्रोजेक्ट बालिका विद्यालय वर्ष 1984-85 में की गई थी। परन्तु उक्त विद्यालय में एक भी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी की नियुक्ति नहीं की गई थी। यह विद्यालय जिला शिक्षा पदाधिकारी सहरसा के पत्रांक 298 दिनांक 13 जनवरी 1988 द्वारा छात्र/ छात्राओं का पठन-पाठन का कार्य उच्च विद्यालय किसनपुर में सम्बद्ध कर संचालित करने का निदेश दिया गया था। जिसके आलोक में वर्ष 1988 से 2011 तक संचालित रहा। परंतु सरकार द्वारा उक्त विद्यालय का अधिग्रहण नहीं होने के कारण प्रबंध समिति द्वारा अब कार्यरत नहीं है। वर्तमान में इस विद्यालय से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर उच्च विद्यालय किसनपुर अच्छी आधारभूत संरचना के साथ अवस्थित है। जहां पोषक क्षेत्र की छात्राएं पठन-पाठन का कार्य करती है। गौरतलब है कि ढोढाई मंडल प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय किसनपुर शिवपुरी पंचायत में तथा उच्च विद्यालय किसनपुर उत्तर पंचायत में अवस्थित है। इसके साथ यह भी अंकनीय है कि विभागीय अभिलेखों के अनुसार 1981-82 एवं 84-85 चरण के प्रोजेक्ट विद्यालयों के लिए अधिसूचित सूची में प्रसंगाधीन विद्यालय का नाम नहीं है। वहीं विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं का कहना है कि हम लोगों के लिए बना प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय संचालित रहता तो खुले मन से विद्यालय आते जाते। लेकिन यहां हमेशा संकुचित भावना बनी रहती है। इस सम्बन्ध में विधायक ने बताया कि प्रोजेक्ट बालिका विद्यालय का काम उच्च विद्यालय किसनपुर में तेइस वर्ष तक चलता रहा। लेकिन विद्यालय प्रधान के द्वारा बालिकाओं के नामांकन प्रोजेक्ट बालिका विद्यालय में न कर उच्च विद्यालय किसनपुर में नामांकन किया जाने लगा। जिसके बाद प्रोजेक्ट विद्यालय मृतप्राय सा हो गया। जिसे संचालन हेतु पुन: पत्राचार किया गया है।

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