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मनीष हत्याकांड: घटना के तह तक पहुंचना चाह रही पुलिस

मिट्टी की सोंधी खुशबू की बात कुछ और ही होती है। मिट्टी से बने बर्तन जहां इस्तेमाल में एकदम बेहतर होते हैं वहीं इनसे किसी तरह के प्रदूषण का खतरा भी नहीं रहता है। लेकिन तमाम जानकारियों के बाद भी आज मिट्टी से बने बर्तन को भूलकर लोग डिब्बाबंद बोतलबंद पानी और फ्रिज पर निर्भर हो गए हैं। यहां कहना गलत नहीं होगा कि डिब्बाबंद पानी और फ्रिज के आगे देसी की चमक फीकी हो गई है। मिट्टी की शीतलता के आगे मशीन की ठंडक लोगों को खूब भा रही है। नतीजा बीमारियों को आमंत्रण मिल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 01:07 AM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 01:07 AM (IST)
मनीष हत्याकांड: घटना के तह तक पहुंचना चाह रही पुलिस
मनीष हत्याकांड: घटना के तह तक पहुंचना चाह रही पुलिस

जागरण संवाददाता, सुपौल: मनीष हत्याकांड के मुख्य आरोपी सहित दो को पुलिस ने रिमांड पर लिया है। सदर थानाध्यक्ष राजेश कुमार मंडल ने बताया कि कांड के मुख्य आरोपी संदीप मिश्रा एवं संजीव शर्मा को रिमांड पर लिया गया है। जिससे विभिन्न मुद्दों पर तहकीकात की जा रही है। मालूम हो कि 13 मई को जिला मुख्यालय स्थित गजना चौक के समीप सदर थाना के बलवा गांव निवासी मनीष यादव जो गजना चौक पर ही मोबाइल की दुकान करता था की हत्या गोली मार कर दी गई। हत्या के मद्देनजर मृतक के पिता के बयान पर सात को नामजद किया गया। नामजदों में सुपौल वार्ड नं.-26 निवासी संदीप मिश्रा, संदीप का भाई सौरभ मिश्रा, सदर थाना क्षेत्र के धोरे कटैया निवासी कुणाल यादव, सुपौल नगर परिषद के वार्ड नं.-2 निवासी मनीष चौधरी, स्थानीय गौरवगढ़ निवासी अनिल यादव, सुपौल के वार्ड नं.- 26 निवासी संजीव शर्मा तथा किशनपुर थाना क्षेत्र के तुलापट्टी निवासी बाबुल यादव का नाम शामिल है। पुलिस ने आरोपियों पर दबिश बनाने के उद्देश्य से पहले तो सबों के विरूद्ध न्यायालय से वारंट निर्गत करवा और फिर सर्व साधारण के नाम सूचना प्रकाशित करवाया। जिसमें आरोपियों की जानकारी देने वालों को पुरस्कार देने की घोषणा की गई। हालांकि एक नामजद बाबुल यादव को पुलिस ने जहां गिरफ्तार कर लिया, वहीं 20 मई को मनीष चौधरी ने न्यायालय में समर्पण कर दिया। इसके उपरांत पुलिस ने न्यायालय से इश्तेहार तामिला करवाया। इश्तेहार तामिला के बाद पुलिस कुर्की-जब्ती की कार्रवाई करती कि संदीप व संजीव ने 23 मई को एक साथ न्यायालय में समर्पण कर दिया। हालांकि तीन नामजद अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। संदीप व संजीव को पुलिस द्वारा रिमांड पर लेने के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि मनीष की हत्या का असली राज खुल जाएगा।

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