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पच्चीस वर्षो में भी प्रखंड कार्यालय को नहीं हो पाया अपना भवन

व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित ई-कोर्ट फी संग्रह केंद्र का उद्घाटन सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र प्रसाद पांडे ने किया। इस व्यवस्था के चालू हो जाने से अब ई-कोर्ट फी की बिक्री ऑनलाइन की जा सकेगी। इस मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ई-कोर्ट फी की रसीद के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यह प्रक्रिया सिर्फ सुलभ ही नहीं बल्कि इससे जाली टिकट बिक्री पर पूर्ण रूप से विराम लग सकेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 12:09 AM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 12:09 AM (IST)
पच्चीस वर्षो में भी प्रखंड कार्यालय को नहीं हो पाया अपना भवन
पच्चीस वर्षो में भी प्रखंड कार्यालय को नहीं हो पाया अपना भवन

संवाद सूत्र, प्रतापगंज(सुपौल): प्रखंड कार्यालय को 25 साल गुजर जाने के बाद भी अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है। स्थापना से लेकर वर्तमान समय तक यह प्रखंड कार्यालय सिचाई विभाग के जर्जर भवन में चल रहा है। बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहते हुए भी जिले में कई योजनाओं के क्रियान्वयन को शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का सौभाग्य कई बार प्राप्त कर चुका है। अच्छे कार्यो को करने के बावजूद भी पदस्थापित कर्मियों को बुनियादी सुविधाओं के अभाव में सेवा करना सजा जैसा महसूस होता है। ऐसे में प्रखंड के विकास कार्यो में जिस गति से कार्य होना चाहिए वह गति नहीं मिल पा रही है। इस प्रखंड के अंतर्गत भवानीपुर उत्तर, भवानीपुर दक्षिण, चिलौनी उत्तर, चिलौनी दक्षिण, तेकुना, सुखानगर, सुर्यापुर, श्रीपुर एवं गोविन्दपुर पंचायत आते हैं। यहां कर्मचारियों के सृजित कई पद खाली पड़े हुए हैं। जबकि सरकारी कार्यो का बोझ भी दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में एक कर्मचारी से कई विभागों के काम का संपादन जैसे-तैसे करवाया जाता है। जिसका असर सीधे रुप से कार्य निष्पादन पर पड़ता है। प्रखंड को अपना भवन नहीं रहने से प्रखंडस्तरीय कई विभाग जहां तहां चलाया जा रहा है। जिसका खामियाजा क्षेत्र के लोगो के साथ-साथ सम्बन्धित विभाग के कर्मियों को भी झेलना पडता है। यहां प्रखंड व अंचल कार्यालय के पदाधिकारियों के साथ-साथ किसी भी कर्मचारियों के आवास की व्यवस्था नहीं है। प्रखंड कार्यालय की स्थिति ऐसी है कि एक छोटे से कमरे में चार या पांच कुर्सी टेबुल लगाकर विभिन्न विभागों के फाइलों का कार्य निष्पादन होता है। जहां चारों ओर से अपने-अपने कार्यो से आए विभिन्न पंचायतों की जनता घेरे खड़ी रहती है। जिससे निष्पादन किए जानेवाले कार्यो में गोपनीयता नहीं रह पाती है। उक्त कार्यालय को बुनियादी सुविधाएं दिलाने हेतु किसी ने भी कोई ठोस पहल नहीं की। हालांकि अंचल कार्यालय सूत्रों के अनुसार भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। लेकिन अधिग्रहण की इस कहानी को क्षेत्र की जनता अब सुनते-सुनते थक गई हैं।

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