सत्य और संग दो शब्दों के मेल से बना है सत्संग
फोटो फाइल नंबर-21एसयूपी-11 संवाद सूत्र, किशनपुर(सुपौल): सत्संग बड़ी दुर्लभता से एवं बड़े भाग्य
फोटो फाइल नंबर-21एसयूपी-11
संवाद सूत्र, किशनपुर(सुपौल): सत्संग बड़ी दुर्लभता से एवं बड़े भाग्य से मिलता है। जिस इंसान को जीवन में वास्तविक सत्संग मिल जाता है। उसके आचरण में महान परिवर्तन आ जाता है। आज हर तरफ प्रवचनों, कथा- कहानियों की गंगा बह रही है। उक्त बातें प्रखंड परिसर स्थित मैदान में आयोजित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वारा आयोजित पांच दिवसीय श्रीरामचरितमानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सर्वश्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी अमृता भारती जी ने कही। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े धार्मिक आयोजन, टीवी चैनल के माध्यम से प्रसारित हो रहा है। इतने धर्म कर्म के बावजूद भी इंसान के जीवन में परिवर्त्तन नजर नहीं आता। क्योंकि अभी तक सत्संग के वास्तविक अर्थ समझ नहीं पाए। सत्संग दो शब्दों के मेल से बना है सत्य और संग। सत्य मात्र ईश्वर है, यह संसार तो परिवर्त्तनशील है। वहीं सदगुरु श्री आशुतोष जी महाराज के शिष्य स्वामी धनंजयानंद जी ने स्वामी विवेकानंद के वाणी का उद्धरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक तुझे लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए। विचार करें रात्रि के नींद के बाद मानव पहले जागता है, बाद में उठता है, लेकिन महापुरुषों ने किस उठने, जागने की बात की। मानस में गोस्वामी जी कहते हैं कि मोह माया रूपी रात्रि में सारा संसार सोया हुआ है और स्वयं का अहित कर दुखी हो रहा है। संत ज्ञान दीप लेकर जगाने आते हैं। ऐसे पूर्ण संत के विषय में भगवान शिव भी कहते हैं कि सन्तों के संग जैसा लाभ कहीं और नहीं है। पूर्ण संत आत्मा-परमात्मा की सिर्फ बातें नहीं करते बल्कि उसका संग अर्थात दर्शन भी कराते हैं। जैसे सुखदेव मुनि ने परीक्षित को करवाया था। आप भी ऐसे पूर्ण संत की खोज करें, जैसी खोज स्वामी विवेकानंद ने की थी। तब ही वास्तविक सत्य को जानकर आत्म कल्याण की प्राप्ति का मार्ग मिल सका है। कार्यक्रम को भक्त कलाकारों ने प्रभु की महिमा का गान कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। इस दौरान गायिका महामाया भारती, शालिनी भारती तथा गायक कैलाश जी एवं हेमकांत जी ने अपने गायन से सराबोर कर दिया। आयोजन समिति के पप्पू कुमार चौधरी एवं अरुण कुमार चौधरी सहित सभी आयोजन समिति का सदस्य सत्संग स्थल पर मौजूद थे।