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राफेल सौदे में देशहित व सुरक्षा को दांव पर लगाया गया : कांग्रेस

-कांग्रेसियों ने दिया एक दिवसीय धरना फोटो फाइल नंबर-15एसयूपी-7 जागरण संवाददाता, सुपौल: ड

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 12:12 AM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 12:12 AM (IST)
राफेल सौदे में देशहित व सुरक्षा को दांव पर लगाया गया : कांग्रेस
राफेल सौदे में देशहित व सुरक्षा को दांव पर लगाया गया : कांग्रेस

-कांग्रेसियों ने दिया एक दिवसीय धरना

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फोटो फाइल नंबर-15एसयूपी-7

जागरण संवाददाता, सुपौल: डसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान की मनमानी खरीद में मोदी सरकार पर घोटाले का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार को समाहरणालय के समक्ष धरना देकर अविलंब जांच एवं कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रो. विमल कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने राफेल सौदे में देशहित और देश की सुरक्षा को दांव पर लगाने का अक्षम्य अपराध किया है। प्रधानमंत्री ने 126 राफेल लड़ाकू जहाज खरीदने के कांग्रेस सरकार के अंतर्राष्ट्रीय टेंडर को खारिज कर दिया और कानून के नियमों को ताक पर रख कर बिना कोई टेंडर जारी किए या बिना कोई बोली आमंत्रित किए 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का एकतरफा निर्णय ले डाला। 2012 में खुली अंतर्राष्ट्रीय बोली के अनुसार प्रत्येक जहाज का मूल्य 526.10 करोड़ था। वहीं वर्तमान सरकार ने प्रति जहाज 1670.70 करोड़ की दर से खरीदा। इस तरह 41205 करोड़ रुपये की लूट करवाई गई। इस खरीद में प्रधानमंत्री के पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाया गया है। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री गोपनीयता की दुहाई दे रहे हैं और वास्तविक मूल्य को छुपा रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में विक्रमादित्य, मिराज लड़ाकू विमान, सुखोई की कीमतों का खुलासा संसद में किया गया है तो राफेल लड़ाकू विमान की कीमतें संसद में क्यों नहीं बताई जा रही है। कहा कि प्रधानमंत्री ने वक्तव्य दिया है कि भारतीय वायु सेना ने 126 जहाज खरीदने का परामर्श दिया था। किन्तु मात्र 36 जहाज ही खरीदे गए। ये जहाज 2015 में खरीदे गये जो 2022 तक देश को मिलेंगे। आठ वर्षो के बाद प्राप्त होने वाले सौदे की इमरजेंसी खरीद कैसे। वक्ताओं ने मांग किया कि इसकी अविलंब जांच संयुक्त संसदीय समिति से करवाई जाए। देश के हित एवं सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते हुए 41 हजार करोड़ रुपये के लूट की निष्पक्ष जांच में राष्ट्रपति स्वयं हस्तक्षेप कर देश की जनता के समक्ष सच्चाई बताने हेतु सरकार को निर्देशित करें। धरना उपरांत राष्ट्रपति भारत के नाम संबंधित मांगों का एक ज्ञापन जिलाधिकारी को समर्पित किया गया। धरना में जिला प्रभारी आजात शत्रु, नरेश कुमार मिश्र, जितेन्द्र झा, अभय तिवारी, मु. जियाउर रहमान, लक्ष्मण झा, मु. सगीर आलम, जगदीश वियवास, जमील अख्तर, मु. उस्मान, महेश पांडेय, मोती राम, कृष्ण मोहन झा, दीपक चौधरी, अबुल कैश, शमशेर आलम, लक्ष्मी नारायण यादव, रामजी यादव, अब्दुल मतीन, महेश यादव, मु. बदरुउद्दीन सहित कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे।


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