खोजते रह जाएंगे 100 के नोट
लोगो----
सबहेड : आम आदमी का साथ नहीं दे रही एटीएम
कैचवर्ड : ग्राहकों की परेशानी
- शहर के ज्यादातर एटीएम से नहीं निकल रहे सौ के नोट
- आए दिन एटीएम में झोल ही झोल
- बाजार में खुदरा की हो रही परेशानी
- कम आय वर्ग के लोग हो रहे परेशान
- बैंक प्रबंधन का मानना सौ के नोट नहीं है एटीएम फिट
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केस स्टडी एक
शाम पांच बजे महावीर चौक के एसबीआइ एटीएम में मयंक मिश्र दो सौ रुपये निकालने गए। मगर एटीएम ने उन्हें दो सौ रुपये देने से इन्कार कर दिया। स्क्रीन पर मैसेज आया कि सॉरी सौ के गुणक में नोट डिस्पेंस नहीं किए जा सकते।
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केस स्टडी दो
लोहिया नगर स्थित एसबीआई एटीएम पर पहुंचे आईटीआई छात्र नरेंद्र सिंह ने बताया कि वे तीन दिन से एटीएम पर आ रहे, लेकिन यहा 100 के नोट नहीं निकल रहे हैं। उधर बैंक अधिकारी सफाई दे रहे हैं कि सौ के नोट ज्यादा निकाले जाने की वजह से कभी-कभी इनकी कमी हो जाती है।
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जागरण संवाददाता, सुपौल : यह बेचारगी सिर्फ मयंक और नरेन्द्र को ही नहीं झेलनी पड़ रही है। दरअसल एसबीआई समेत कई राष्ट्रीयकृत बैंकों के एटीएम ने अब आम आदमी का साथ देना ही छोड़ दिया है। अगर ग्राहक अपनी खरीदारी के हिसाब से एटीएम से पाच सौ के नीचे के गुणक में निकासी करना चाहे तो वह अब संभव नहीं हो पा रहा है। इन दिनों शहर के ज्यादातर एटीएम से सौ रुपए केनोट नहीं निकल रहे हैं। इससे एटीएम पहुंचने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। त्योहारी सीजन में सौ के नोट का टोटा होने से उपभोक्ताओं से लेकर व्यापारी तक सभी परेशान हैं। फर्ज कीजिए आप महावीर चौक पर किराना सामान खरीदने गए हैं और दुकानदार का बिल देने में आपको तीन सौ रुपये कम पड़ रहे हैं और एसबीआई एटीएम से तीन सौ रुपये निकालना चाह रहे हैं तो एटीएम आपका साथ नहीं दे सकती। मजबूरन आपको पांच सौ रुपये ही निकालना पड़ेगा। हरि अनंत हरि कथा अनंता। आम आदमी से जुड़ी बैंक की सबसे लोकप्रिय सेवा एटीएम में आए दिन झोल ही झोल सामने आ रही है। कभी मशीन आउट ऑफ सर्विस, कभी कैश खत्म तो कभी लिंक फेल।
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सौ के नोट नहीं है एटीएम फिट
बैंक प्रबंधन की माने तो सौ के नोट एटीएम फिट नहीं है। एक बैंक अधिकारी बताते हैं कि सौ की नई करेंसी अब बहुत कम संख्या में जारी की जा रही है। बैंक की कैश शार्टिग मशीन सौ के नोट को एटीएम फिट नोट नहीं मानती। हर दिन शहर के सभी 6 एटीएम में डालने के लिए जब सौ के बंडल बनाए जाते हैं तो मुश्किल से दस पैकेट भी एटीएम फिट नोट के कैटेगरी के हिसाब से नहीं बन पाते। यह मशीन नोट को तीन श्रेणी में शार्टिग करती है। गंदे, मुड़े-तुड़े नोट, एटीएम फिट नोट और नॉट फिट फोर एटीएम। अगर गंदे और मुड़े तुड़े सौ के नोट एटीएम में डाल दिए जाए तो रोज एटीएम की कैश डिस्पेंसर मशीन के फंसने की शिकायत आएगी।
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आरबीआई का निर्देश अब 50 व 100 के नोट भी रखें एटीएम में
आवश्यकता न होने पर भी अब लोगों को एटीएम से जबरन 500 रुपए नहीं निकालने पड़ेंगे। आने वाले कुछ दिनों में ही विभिन्न बैंकों के एटीएम से लोगों को 500 रुपए व 100 रुपए के साथ 50 रुपए के नोट भी मिलेंगे। आरबीआई ने अपने नए गाईडलाइन के तहत सभी राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों के प्रबंधन को इसके लिए नया सर्कुलर जारी किया है। बैंकों को निर्देश दिया गया है कि एटीएम में अब दो प्रकार के नोट रखना जरूरी है। अगर एटीएम में 500 रुपए के नोट रखे हैं तो उसमें 100 रुपए के नोट होने चाहिए। इसी प्रकार 100 रुपए के नोट हैं तो उसमें 50 रुपए के भी नोट होने चाहिए। आरबीआई ने यह सुविधा लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शुरू की है। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब लोगों को जितनी जरूरत होगी। उतने ही पैसे वे निकालेंगे।
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100 के नोट नहीं होने से क्या पड़ता बाजार पर असर
- खुल्ले रुपयों की झझट
- छात्रों और कम आय वर्ग के लोगों को ज्यादा दिक्कत।
- बाजार में रुपयों का रोटेशन गड़बड़ा रहा है
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शहर के एटीएम एक नजर में
एटीएम की कुल संख्या : 15
एसबीआई के एटीएम : 6
राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों के एटीएम : 9
एटीएम में प्रति दिन लोड की जाती : 10 लाख सामान्य दिन में
एक एटीएम से प्रति दिन निकासी : 5 से 7 लाख