मोक्ष के लिए करें श्रीराम के चरित्र का अनुसरण : जितेंद्र
सिवान। मनुष्य को चरित्रवान एवं निष्ठावान होना चाहिए। मनुष्य अपने कार्यों से मन की शांति प्राप्त कर
सिवान। मनुष्य को चरित्रवान एवं निष्ठावान होना चाहिए। मनुष्य अपने कार्यों से मन की शांति प्राप्त कर सकता है।
भगवान श्रीराम के चरित्र का अनुसरण करने वाले मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं। आज का युवा वर्ग अपने पूर्वजों का अनुसरण नहीं कर रहा है, जिससे परिवार में कलह पैदा हो रही है। युवा पीढ़ी अपने माता-पिता की आज्ञा माने और सनातन धर्म के पथ पर चलकर अपना जीवन सुखमय बनाएं।
ये बातें दरौंदा प्रखंड के बगौरा पंचायत स्थित नवनिर्मित दुर्गा मंदिर मदारीचक अमहरूआ के परिसर में चल रहे पांच दिवसीय मां दुर्गा प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ के दूसरे दिन बुधवार को आचार्य जितेंद्र नाथ पांडेय ने प्रवचन करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का राजतिलक होना था लेकिन पिता दशरथ के आदेश पर 14 वर्ष के लिए वनवास निकल पड़े। आज भगवान श्रीराम के चरित्र को युवापीढ़ी धारण कर अपने परिवार में उत्पन्न कलह को बचा सकती है। उन्होंने भारत को रिश्तों का देश बताया। उन्होंने भारतीय संस्कृति के तहत होने वाले विवाह के चर्चा क्रम में कहा कि हमारे घरों की बच्चियों में अजनबी के साथ अटूट बंधन में बंध जाने का विशेष चरित्र है। विवाह को संस्कार बताते हुए कहा कि माता-पिता द्वारा चयनित लड़के से कन्या का विवाह होना सबसे सर्वश्रेष्ठ ब्रह्मा विवाह कहते हैं। उन्होंने प्रेम विवाह की खामियों को बताते हुए कहा कि इसमें स्वच्छता होती है, संस्कार नहीं। आचार्य ने दहेज को बेमेल शादियों की जड़ बताते हुए कहा कि दहेज उन्मूलन प्रबुद्ध समाज के लिए चुनौती है। इसके लिए कथनी और करनी के फर्क को मिटाना होगा। यह महायज्ञ शनिवार तक चलेगा।