पहली कक्षा : कबीर के दोहे को पढ़ बच्चों को बताया था उसका अर्थ
सहायक शिक्षक के पद पर मेरी नियुक्ति पचरुखी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय उखई में 1988 में हुई थी। उस स
सहायक शिक्षक के पद पर मेरी नियुक्ति पचरुखी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय उखई में 1988 में हुई थी। उस समय विद्यालय में मैं ही महिला शिक्षक थी। हेडमास्टर ने पहले दिन कक्षा पांच में मुझे अध्यापन कार्य के लिए भेजा। जहां बच्चों को ¨हदी विषय में कबीर के दोहे को पढ़ कर उसका अर्थ समझाया । बच्चों ने कई कठिन शब्दों के बारे में पूछा जिसका निडर हो कर जवाब दिया। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे बहुत ही प्यारे दिख रहे थे। इन बच्चों को हर विषय में मजबूत बनाने के साथ-साथ संस्कार की जानकारी दी। इसका असर यह रहा कि जो बच्चों में संस्कार का प्रवाह हुआ और वे पढ़ाई के प्रति ध्यान देने लगे। आज मैं कचहरी मिडिल स्कूल में प्राधानाध्यापिका हूं। मंजू श्रीवास्तव, प्रधानाध्यापिका, मध्य विद्यालय कचहरी, सिवान