शिक्षा का उद्देश्य सर्वांगीण विकास : डॉ. रामजी तिवारी
शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास से है। इसमें मानसिक,।
संसू, दरौली (सिवान) : शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास से है। इसमें मानसिक, शारीरिक सभी तरह निपुणता से है। उक्त व्याख्यान शनिवार को दोन स्थित जेआर कांवेंट के ऑडिटोरियम में मुंबई विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रो. सह ¨हदी विभागाध्यक्ष डॉ. रामजी तिवारी ने वर्ग आठवीं से लेकर 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं को व्यवहारिक ज्ञान पर व्याख्यान देते हुए कही। उन्होंने कहा कि त्याग, प्रलोभन सभी तरह की
अच्छाई एवं बुराई आपके आसपास है। विद्यार्थियों को चाहिए कि बुराई न ग्रहण कर केवल अच्छाई को ग्रहण करें। शिक्षा का मतलब हमारी अनुभूति एवं संवेदनाओं के विकास से होना चाहिए। एमजीपीजी कालेज के अवकाश प्राप्त प्राचार्य डॉ. एसवी त्रिपाठी ने कहा कि बिना शिक्षा से किसी देश का विकास नहीं हो सकता। जिस देश के पास जितनी ज्ञान की शक्ति होगी वह देश उतना सबसे आगे होगा। विद्यार्थियों में हमेशा क्यों एवं कैसे दो बातों की हमेशा जिज्ञासा होनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को समाज एवं देश के प्रति जिम्मेवार बनने तथा अपने आप को पहचानने
की बात की। इस अवसर पर संस्थापक सह संरक्षक कुमार बिहारी पांडेय, प्रबंधक अनीस कुमार पांडेय सहित सभी शिक्षक-शिक्षिका, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।